चंडीगढ़ : इन्टॉलरेंस शब्द के बाद राजनीति में अब मॉब लिंचिंग शब्द काफी कहा और सुना जा रहा। मॉब लिंचिंग की परिभाषा यानी भीड़ तंत्र द्वारा किसी को मौत के घाट उतार देने को कहा जाता है। जो आज देश के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। कभी बच्चा चोरी के शक में भीड़ किसी की जान ले लेती है तो कभी गौ तस्करी के आरोप में लोग खुद ही न्यायविद बनकर किसी को भी मौत की नींद सुला देते हैं।
वहीं भाजपा के कदावर नेता और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने मॉब लिंचिंग जैसे विवादित शब्द को कांग्रेस के साथ जोडकऱ नई बहस को हवा दे दी है। दरअसल, राजस्थान के अलवर में भीड़ द्वारा गौ तस्कर समझकर मौत के घाट उतार दिए गए हरियाणा के फिरोजपुर झिरका के कोलगांव के रकबर की मौत के बाद मॉब लिंचिंग पर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है। मॉब लिंचिंग पर देश की सर्वोच्च अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट भी गहन चिंता व्यक्त कर चुकी है।
मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर मंत्री अनिल विज ने इसे सीधे अपनी विपक्षी पार्टी कांग्रेस से जोडकऱ कांग्रेस पर कई तरह के आरोप जड़ दिए। अलवर में हुई फिरोजपुर झिरका के रकबर की हत्या के मामले पर बोलते हुए विज ने कहा कि ऐसे मामलों पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना कन्सर्न शो किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही मॉब लिंचिंग की असल जननी है क्योंकि कांग्रेस ने 1984 में अपने कार्यकर्ताओं को मॉब लिंचिंग के लिए उकसाकर सिखों का कत्लेआम करवाया। उस वक्त के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी उसका समर्थन किया और कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती तो हिलती ही है।
(आहूजा)