हिसार : प्रदेश के हालात ऐसे हो गये हैं कि समाज का हर वर्ग परेशान है और सड़कों पर आन्दोलन करने को मजबूर हो गया है। इन परिस्तिथियों में अब समय आ गया है जब हमे प्रदेश को दोबारा भाईचारे और विकास के पथ पर लेकर आने का संकल्प लेना होगा और इस जनविरोधी संवेदनहीन सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। हिसार जिले के उकलाना में अनेक कार्यक्रमों में शिरकत करने पंहुचे सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बात कही।
उन्होंने प्रदेश की मण्डियों में सरसों की न्यूनतम मूल्य पर खरीद न होने पर भाजपा सरकार से पूछा कि उसके पास ऐसी कौन से जादू की छड़ी है जिससे किसान की आमदनी डेढ से दोगुनी करने की कोरी बातें कर अन्नदाता की आँखों में धूल झोंकने का काम कर रही है जबकि हकीकत यह है कि किसान को उसकी फसल का तय न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है और उसकी कड़ी मेहनत से उगायी फसल को कभी नमी की तो कभी फर्द में कमी के बहाने से खुले आम औने पौने दामों पर लूटी जाती है।
संसद ने कहा कि पिछले चार साल में जब जब किसान की फसल मण्डियों में आयी है किसान को दुखी ही होना पड़ा है और उसको निराशा ही हाथ लगी है चाहे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की बात हो, डीजल के भाव और खाद, कीटनाशक पर टैक्स या बासमती के एक्सपोर्ट की बात हो, कपास और गन्ने के भाव की बात हो। सांसद दीपेन्द्र ने हाल ही में हुए हरियाणा सरकार के तीन दिवसीय कृषि सम्मेलन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा सरकार इस तरह के खोखले इवेंट मैनेजमेंट का ढोंग करना छोड़ और कर्ज से जूझ रहे किसानों का तुरंत कर्जा माफ करने का काम करे।
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– राज पराशर