चंडीगढ : हरियाणा के मुख्य विपक्षी दल इनेलो में मचे राजनीतिक घमासान के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला शुक्रवार को चंडीगढ़ में मीडिया से रूबरू हुए। अभय ने कई मुद्दों पर चर्चा की लेकिन जब पार्टी की अंदरूनी विवाद पर सवाल शुरू हुए तो वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देकर पत्रकार वार्ता स्थल से चले गए। यही नहीं अभय चौटाला ने दुष्यंत के निलंबन से पूरी तरह अनभिज्ञता जता दी। इंडियन नेशनल लोकदल में पिछले दो दिनों से राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। इनेलो सुप्रीमों ओ.पी. चौटाला ने बृहस्पतिवार को समूचे संगठन को खंगालते हुए नए सिरे से नियुक्तियों के आदेश जारी कर दिए।
इसके बाद इनेलो में तेजी से घटनाक्रम बदलता रहा। नए समीकरण पैदा होने के बाद अभय चौटाला ने आज सुबह पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गोहाना रैली के इनेलो की युवा इकाई और इनसो को लोगों के बैठने की व्यवस्था देखने, पेयजल व्यवस्था संभालने तथा महिलाओं का सहयोग करने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन दोनो ही विंग यह जिम्मेदारी संभालने की बजाए वहां पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए। जिसके चलते इनेलो सुप्रीमों ने यह कार्रवाई की है। सांसद दुष्यंत चौटाला के निलंबित संबंधी हुई कार्रवाई से अनभिज्ञता जताते हुए अभय चौटाला ने कहा कि आज कुछ समाचार पत्रों के माध्यम से ही उन्हें इस कार्रवाई के बारे में जानकारी मिली है।
दुष्यंत के बाद दिग्विजय भी इनेलो से निलंबित
दुष्यंत के मुद्दे पर जब मीडिया ने चौतरफा सवालों की बौछार की तो अभय बचाव की मुद्रा में आ गए और कहा कि उनका दुष्यंत या दिग्विजय के साथ कोई मतभेद या मनभेद नहीं है। वह उनके बच्चे हैं। दूसरी तरफ अपने ही बयानों पर आक्रामक रूख दिखाते हुए अभय ने यहां तक बोल दिया कि कोई भी पद किसी के पास स्थिर नहीं रहता है। जिन नए लोगों को जिम्मेदारी दी गई है अगर वह काम सही नहीं करेंगे तो उन्हें भी बदल दिया जाएगा। अभय यहीं नहीं रूके उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि इनेलो वर्षों से रैलियों का आयोजन करती आई है। जब दुष्यंत या दिग्विजय नहीं थे तब भी रैलियों का आयोजन हुआ था और पार्टी चल रही थी आगे भी चलती रहेगी।