चंडीगढ़ : कृषि से जुडी शिक्षण संस्थाए, विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विभाग व अन्य संस्थान फसल अवशेष प्रबन्धन मे टैकनिकल सहयोग देने के साथ-2 जागरूकता अभियान मे भी अपनी भागीधारी सुनिश्चित करें। यह बात हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने राजभवन मे चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्वालय हिसार के कुलपति डा. के.पी. सिंह से कही। डा. के.पी. सिंह ने राज्यपाल से मुलाकात कर विश्वविद्यालय की गतिविधियों व कार्यक्रम का ब्यौरा दिया। राज्यपाल श्री आर्य ने कहा कि सभी सस्थायें फसल अवशेष प्रबन्धन के लिये प्रधानमन्त्री कार्यालय द्वारा जो कार्यक्रम तय किया गया है उसी अनुसार राज्य सरकार के निदेशानुुसार कार्य करें।
फसल अवशेष प्रबन्धन के लिये राज्य सरकार द्वारा भी अभियान चलाया हुआ है जो आगामी पॉंच अक्टूबर से और ज्यादा प्रभावी होगा। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा इस बार फसल अवशेष प्रबन्धन के लिये विशेष बजट का भी प्रावाधान किया गया है। उन्होंने किसानो का भी आहवान किया है कि वे खेतों मे पराली को न जलाएं बल्कि सरकार द्वारा सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जा रहे उपकरणों का फसल अवशेष प्रबन्ध के लिये प्रयोग करें जिससे प्रदुषण की समस्या पर तो नियन्त्रण होगा ही साथ ही किसानों को आर्थिक रूप से लाभ भी होगा।हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. के.पी. सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय फसल अवशेष प्रबन्धन के लिये गठित की गई टीम में टेक्निकल कार्य के साथ जागरूकता का भी कार्य कर रहा है।
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उन्होने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साथ-2 कृषि विज्ञान केन्द्रो व कृषि ज्ञान केन्द्रो ने गांव को गोद लिया हुआ है जंहा अधिकारियों की टीम पहुुंच कर किसानो को फसल अवशेष प्रबन्धन की जानकारी दे रही है। उन्होने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय देश के टोप 100 में शुमार है और विश्वविद्यालय से शत प्रतिशत कैम्पस प्लेसमैन्ट हो रही है । विश्वविद्यालय मे इस समय मे 4000 से भी अधिक छात्र छात्राऐं विभिन्न संकायों मे अध्ययन कर रहे है। जिनमे 21 देशों के छात्र भी शामिल है। उन्होने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय बीज उत्पादन व अनुसंधान में देशभर में अव्वल है। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव, श्री अमित अग्रवाल भी उपस्थित थे।
(आहूजा)