चंडीगढ़ : हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा डिस्ट्रिक्ट ग्रीवियंस कमेटी की मीटिंगों में सरकारी कर्मियों पर कार्रवाई करने के दिए गए आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा रही है। ऐसे ही एक मामले में कैथल में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर तैनात राजकुमार ने विज द्वारा उन्हें सस्पैंड करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसमें कहा है कि कमेटी के पास ऐसे आदेश जारी करने की कोई अथॉरिटी नहीं है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रितु बाहरी ने विज और सरकार समेत अन्यों को 20 नवम्बर के लिए नोटिस जारी किया है। वहीं, आदेश दिए हैं कि तब तक 10 अगस्त को हुई मीटिंग के आधार पर याची के खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए जाए।
हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका में एक छोटा प्रश्न विचार के लिए उठाया गया है कि क्या विज की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट ग्रीवियंस कमेटी नियमित कर्मी की सस्पैंशन के आदेश जारी कर सकती है। इस केस की सुनवाई ऐसे ही एक अन्य केस के साथ होगी। केस में हरियाणा सरकार, इंजीनियरिंग डिपार्टमैंट के अफसरों, कैथल के डिप्टी कमिश्नर समेत हरियाणा के हैल्थ मिनिस्टर अनिल विज को पार्टी बनाया गया है।
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भाजपा मैंबर्स ने सैंपल नहीं लेने दिए और मीटिंग में कहा-सैंपल इकट्ठे नहीं किए 13 जुलाई को विज की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में किसी ने मौखिक शिकायत की कि सीवरेज का निर्माण सही से नहीं हो रखा है, जबकि मीटिंग में सीवरेज के निर्माण का कोई एजैंडा नहीं था। ऐसे में याची को बुलाकर साइट का विजिट कर सैंपल लेने को कहा गया। साइट पर बी.जे.पी. के कुछ मैंबर्स, सिक्योरिटी गार्ड आदि थे और याची व उनकी टीम को सैंपल लेने से रोका गया। इसके बाद 10 अगस्त को हुई मीटिंग में याची को बुलाया गया,जहां पार्टी के स्थानीय मैंबर थे और शिकायत दी कि याची ने सैंपल नहीं लिए। ऐसे में याची को सुने बिना विज ने उन्हें तत्काल सस्पेंड करने के आदेश दे दिए।
– (आहूजा)