हरियाणा के पलवल में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) की जांच से बड़ा खुलासा हुआ है। जिसके मुताबिक हरियाणा के पलवल में स्थित एक मस्जिद खुलाफा-ए-रशीदीन के निर्माण के लिए लश्कर-ए-तैयबा ने फंड जारी किया था। नई दिल्ली में आतंकी फंडिंग केस के आरोप में इस मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। इसके बाद 3 अक्टूबर को एनआईए ने मस्जिद की तलाशी ली।
इस पूरे मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि मस्जिद जिस जमीन पर बना है, वह विवादित है। उन्हें सलमान के लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंधों की जानकारी नहीं है। वहीं, एनआईए मस्जिद के कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। साथ ही खाता-बही की भी जांच की जा रही है। मस्जिद बनाने के लिए मिले राशि के विवरण व अन्य दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है।
एनआईए द्वारा सलमान (52 वर्षीय), मोहम्मद सलीम और साजिद अब्दुल वाणी को 26 सितंबर को लाहौर स्थित फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) फाउंडेशन, जिसकी स्थापना हाफिज सईद के जमात-उद-दावा (लश्कर का मूल संगठन) के द्वारा की गई थी, से आंतंकी गतिविधियों के लिए पैसे लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
मस्जिद के इमाम को मोहम्मद सलमान को दुबई निवासी पाकिस्तानी नागरिक कामरान के नाम से 70 लाख का चेक मिला था। ऐसा माना जा रहा है कि कामरान आतंकी संगठन के लिए काम करता है और भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा उपलब्ध कराता है। खबर के मुताबिक, यहां के निवासियों ने बताया कि मस्जिद जिस जमीन पर बनी है, वह विवादित है लेकिन उन्हें सलमान के एलईटी से लिंक की जानकारी नहीं थी। एनआईए मस्जिद के पदाधिकारियों से पूछताछ कर रही है और दान-दस्तावेजों के विवरण जब्त कर लिए गए हैं।