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इनेलो से मेरा निष्कासन फर्जी, इस कृत्य का लूंगा बदला : अजय चौटाला

अजय चौटाला ने कहा कि वह निर्दोष सजा काट रहे है, जबकि 36 सौ बच्चे लोगो के लगे है और वह बिना एफआईआर में दर्ज नाम, बिना गवाह के दस साल की सजा काट रहे है।

रोहतक : इंडियन नेशनल लोकदल के निष्कासित राष्ट्रीय महासचिव अजय चौटाला रोहतक स्थित पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को जींद में होने वाले कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए निमंत्रण देने पहुंचे। निष्कासन के बाद रोहतक में उनका पहला कार्यकर्ता संबोधन था, जिसमें पार्टी से निष्कासित होने का दर्द साफ छलक पडा और उन्होंने जमकर नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला और इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोडा सहित निष्कासन कमेटी पर जमकर निशाने साधे।

अजय चौटाला ने राजनीति से जुडे अपने बचपन के दिनो को याद करते हुए कहा कि वे सन 1970 में देवीलाल के भूमि से चुनाव लड़ने के समय देसवाली बेल्ट के इंचार्ज बनाए गए थे। उसके बाद चौधरी देवीलाल के 1980 के सोनीपत चुनाव में चार हलको का प्रभारी बनाया गया। वहीं 1982 में महम चुनाव में पूरे हल्के का इंचार्ज बनाया गया था।

इनेलो ने जारी किया निष्कासन पत्र

अजय चौटाला ने कहा कि उन्होंने मंच की राजनीति नहीं की बल्कि गलियों की धूल फांकी है और लोगों के हर सुख दुख साथ रहा हूं। चालीस साल पार्टी को अपने खून पसीने से सीचने का काम किया है, लेकिन अब कुछ लोग उन्हें कह रहे है कि यह कांग्रेस के पेड वर्कर है। यह ठीक है कि चौधरी देवीलाल व ओमप्रकाश चौटाला भी कांग्रेसी रहे है, लेकिन जब कांग्रेस में लोगों को सम्मान नहीं मिला तो दूसरा रास्ता अपना कर इनेलो का गठन किया गया। इनेलो किसी के बाप की बपौती नहीं है।

कार्यकर्ताओं के खून पसीने की पार्टी है। साथ ही अजय चौटाला ने कहा कि वह निर्दोष सजा काट रहे है, जबकि 36 सौ बच्चे लोगो के लगे है और वह बिना एफआईआर में दर्ज नाम, बिना गवाह के दस साल की सजा काट रहे है। उन्होंने सवाल किया कि पार्टी से निष्कासन ही मेरा ईनाम है क्या। उनके जेल जाने के बाद कार्यकत्र्ताओं को मंच पर अपमानित किया गया और सभा से धक्के तक मारे गए, लेकिन फिर भी वह सबर का घूट पिते रहे।

(मनमोहन कथूरिया)

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