करनाल : मंगलवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और पंचायती राज राज्य मंत्री परषोत्तम रुपाला ने राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान का दौरा किया और वैज्ञानिकों सेे रूबरू हुए। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डा. आरआबी सिंह ने बताया कि संस्थान ने क्लोनिंग के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। इसके अलावा संस्थान के वैज्ञानिकों ने अनेक टेक्नोलोजी विकसित कर उन्हें विभिन्न इंडस्ट्रीज को हस्तांतरित किया है। उन्होंने बताया कि संस्थान बीपीडी यूनिट के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहा।
संस्थान बीपीडी यूनिट के माध्यम से अब तक करीब 1500 लोगों को डेरी की ट्रेनिंग दे चुका हैं और उनमें से 200 युवाओं ने अपने रोजगार को मार्केट स्थापित भी कर लिया है। किसानों को आधुनिक तकनीकों से अवगत करवाने के लिए संस्थान की ओर से फार्मर फार्म स्कूल, मेरा गांव मेरा गौरव तथा कृषि विज्ञान केंद्र की ओर स कई प्रकार के ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिनसे किसान लाभंवित हो रहे हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और पंचायती राज राज्य मंत्री परषोत्तम रुपाला ने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि डेरी के क्षेत्र में एनडीआरआई का बहुत बड़ा योगदान है।
जिसकी बदौलत आज हिन्दुस्तान दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान पर खड़ा है। लेकिन देश में आज भी उच्च गुणवता वाली देशी नस्ल की गाय की कमी है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है। लेकिन देश का किसान अच्छी नस्ल के दुधारू पशुओं की कमी महसूस कर रहा है। इसलिए वैज्ञानिकों को ऐसी तकनीक विकसित करनी चाहिए, जिससे अच्छी नस्ल के दुधारू पशुओं की संख्या को बढ़ाया जा सके। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे अपने जैव प्रोधौगिकी शोध को किसानों के साथ सांझा करे, ताकि किसान को इसका लाभ प्राप्त हो सके।
– हरीश चावला