गुरुग्राम : शांति के लिए नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने देश के विभिन्न राज्यों में बाल गृह में बच्चियों के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर दुख जताते हुए कहा कि साल में एक बार सभी सांसद अपने क्षेत्र के बाल संरक्षण गृहों का औचक निरीक्षण करें, ताकि वहां की गतिविधियों का पता चलता रहे। साथ ही उन्होंने कहा कि वे अब दलाई के साथ मिलकर समाज की भलाई के लिए काम करेंगें। यह बात उन्होंने यहां एक निजी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कही।
कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि उन्होंने बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सभी सांसदों को पत्र भी लिखा है। बाल सुधार गृहों में जिस तरह से बच्चियों के साथ घटनाएं घट रही हैं, वे चिंता का विषय हैं और उन पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चियों के साथ हो रही घटनाओं में वहीं के सदस्य ही शामिल होते है। वर्ष-2014 में शान्ति के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजे गए कैलाश सत्यार्थी पे छात्र-छात्राओं को समाज कल्याण के गुर सिखाए।
बच्चों की सुरक्षा को आगे आये संयुक्त राष्ट्र: सत्यार्थी
कैलाश सत्यार्थी ने सभी को यह समझाया कि युवाओं को थ्री डी यानी डिस्कवर, डिसाइड एंड डू के नियमों पर चलकर समाज की बेहतरी के लिए काम करने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा समाज जिस दिशा में जा रहा है, वह चिंता का विषय है। देश में जो बेटियों को लेकर एक नकारात्मकता सी दिखाई दे रही है। अप्रिय घटनाएं हो रही हैं, उन्हें कोई भी समाज ग्रहण नहीं कर सकता।
– सतबीर भारद्वाज