चंडीगढ : नीदरलैंड ने हरियाणा के साथ कृषि, पशुपालन एवं डेयरी, मत्स्य पालन, बागवानी एवं पुष्प खेती में सहयोग देने के लिए किए गए समझौतों को आगे बढ़ाते हुए सेक्टर- 52 ए गुरुग्राम में फूल मंडी स्थापित करने की पहल की है। इस कड़ी में `भारत में नीदरलैंड के राजदूत एल्फॉनसस स्टॉयलिंगा ने एक डच प्रतिनिधिमंडल के साथ हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ से मुलाकात की और आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में धनखड़ ने गुरुग्राम की प्रस्तावित फूल मंडी की प्रक्रिया 15 अगस्त से पहले-पहले पूरी करने का अधिकारियों को निर्देश दिएा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पैरी एग्रीक्लचर अवधारणा के प्रस्ताव पर हरियाणा तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह फूल मंडी भी उसी का हिस्सा है। बैठक में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति के.पी. सिंह ने मंत्री को अवगत कराया कि अवशेष प्रबंधन की पायलट परियोजना पर विश्वविद्यालय ने अवशेष प्रबंधन की एक समेकित परियोजना के तहत कार्य किया है और सितंबर, 2018 तक संचालित होना अपेक्षित है, जिसके अंतर्गत प्रतिदिन 14 टन पराली से सीएनजी, अपग्रेडेशन सीएनजी के रूप में बायो तेल तथा इथनॉल उत्पादित की जाएगी।
उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि अवशेष प्रबंधन पर नीदरलैंड के साथ शोध अध्ययन भी उनका विश्वविद्यालय कर रहा है। नीदरलैंड का एक व विश्वविद्यालय के 2 शोध विद्यार्थी भी बैठक में उपस्थित थे। इसके अलावा बागवानी विश्वविद्यालय के झज्जर जिले के बया में उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है। श्री धनखड़ ने सुझाव दिया कि इसका नाम उत्कृष्टता केंद्र की बजाय पुष्प प्रदर्शन एवं अनुसंधान संस्थान रखा जाए।
उन्होंने इंडो-डच समझौते के तहत जितनी भी परियोजनाएं हरियाणा में क्रियान्वित की जानी है, उनकी एक-एक पायलट परियोजना का कार्य तत्काल आरंभ करने के भी निर्देश दिए। इस पर हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक श्री मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि प्रस्तावित फूल मंडी के लिए विशेषज्ञों की एक टीम शीघ्र ही गुरुग्राम का दौरा करेगी।
(आहूजा)