नीलोखेड़ी/तरावड़ी, विजय गुलाटी/वीरेन्द्र जांगड़ा : करनाल के सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा ने आज कहा कि यदि सिख गुरु हिन्दू कौम और हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए कुर्बानी न देते तो आज भारत में हिन्दू भी न होते। उन्होंने सिख गुरु श्री गुरुतेग बहादुर तथा श्री गुुरु गोबिंद सिंह जी महाराज को हृदय से नमन करते हुए कहा कि उन्होंने हिन्दू समाज की रक्षा के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चारो लाल हिन्दू रक्षा की भेट चढ़ गए। आज हिन्दूओं का वजूद इन्हीं सिख गुरुओं की बदौलत से है। सांसद के इस भाषण पर गुरुद्वारे के परिसर हाल में इसी बात को लेकर जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल के नारे तक लगे। वह आज दोपहर नीलोखेड़ी के गांव सौंकड़ा में स्थित गुरुद्वारे में संगत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिख समाज ने भाईचारे को मजबूत बनाने के लिए हमेशा मिसालें कायम की है। हिन्दू समाज कभी भी सिख समाज की कुर्बानी भूल नहीं पायेगा।
उन्होंने कहा कि गुरुबाणी में गुरुओं ने सिख समाज को जो आदेश दिए है उसका पालन आज भी सिख समाज कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह यहां कोई राजनीतिक चर्चा करने नहीं आये है। लेकिन जिस देश की सरकार ताबड़तोड़ विकास और देश के उत्थान में लगी हो उसकी चर्चा करना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास के नारे में विश्वास रखती है। इसलिए वह समूचे देश का विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर वह खड़े है। वह गुरुओ का स्थान है। उन्हें इस बात का हर्ष है कि आज उनके आगमन को लेकर एक समारोह आयोजित किया गया। इसके लिए वह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा गांव सौंकड़ा के लोगों का हृदय से आभार प्रकट करते है।
उन्होंने इस अवसर पर गुरुद्वारे में लंगर हाल निर्माण के लिए 15 लाख रुपए की राशि देने का ऐलान किया। इससे पहले गुरुद्वारे के बाबा जोगा सिंह, एस.जी.पी.सी के सदस्य भूपेन्द्र सिंह असंध, बाबा महेन्द्र सिंह व गुुुरुद्वारे के अहम ओहदेदारों ने सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा को सिरोपा भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। उन्हें गुरुद्वारे में एक तलवार भी भेंट की गई। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश पैनेलिस्ट शमशेर सिंह नैन, प्रेम कपूर, मास्टर अमर सिंह, रघुबीर सिंह खालसा, गोपाल चौधरी, बालकिशन त्रिपाठी, तरजीत सिंह पहलवान, चेयरमैन हुकुम सिंह राणा, सरपंच रणजीत सिंह, भूपेन्द्र सिंह असंध, गुरविन्द्र सिंह सौंकड़ा, महावीर सिदू, अजीत सिंह वडैच, गुरविन्द्र सिंह, कुलतार सिंह, अजीत सिंह, काकू चौधरी, गुरबचन सिंह, भाई गुलाब सिंह समेत सैंकड़ो की संख्या में महिलाएं और सिख श्रद्धालु मौजूद रहे।