जब संस्कृति की छटा बिखरती है तो लघु भारत के दर्शन होते हैं : खट्टर

मनोहर लाल खट्टर ने बीती देर रात यहां सेक्टर-4 स्थित एमएम पब्लिक स्कूल में 18वें नृत्य एवं नाट्य महोत्सव के समापन अवसर पर कही।
जब संस्कृति की छटा बिखरती है तो लघु भारत के दर्शन होते हैं : खट्टर
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गुरुग्राम : कला समर्पण का भाव रखती है। कला के रंग में डूबकर कलाकार अपनी संस्कृति के लिए समर्पित हो जाता है। एक ही मंच पर विभिन्न प्रांतों के कलाकार जब अपनी संस्कृति की छटा बिखेरते हैॅं तो लघु भारत के दर्शन होते हैं। वर्ष 2001 में लगाए अखिल भारतीय महोत्सव ने 18 वर्षों में ही विशाल वृक्ष का रुप ले लिया है, जो अपनी शाखाओं को अलग-अलग प्रदेशों में पहुंचाने का कार्य कर रहा है। यह बात मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बीती देर रात यहां सेक्टर-4 स्थित एमएम पब्लिक स्कूल में 18वें नृत्य एवं नाट्य महोत्सव के समापन अवसर पर कही। निष्ठा सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित 18वें अखिल भारतीय नृत्य एवं नाट्य महोत्सव का समापन हो गया। पांच दिन से चल रहे महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे और श्रेष्ठ कलाओं को देखा।

यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में अतिथि को भगवान के समान समझा जाता है, इसी परम्परा को निभाते हुए निष्ठा सांस्कृतिक मंच अन्य राज्यों के कलाकारों के आतिथ्य में किसी भी प्रकार की कोर-कसन नहीं छोड़ता। उन्होंने यह भी कहा कि नृत्य एवं नाट्य महोत्सव का यह कारवां निरंतर चलता रहे, ताकि एक ही मंच पर अलग-अलग राज्यों की संस्कृति देखने से न केवल हमें कला का बोध हो अपितु आने वाली पीढ़ी भी संस्कारवान हो सके। इस अवसर पर निष्ठा के अध्यक्ष संजय भसीन ने मंच से मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि वर्ष 2001 में जब नाट्य एवं नृत्य महोत्सव शुरु किया गया था, तब भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सानिध्य निष्ठा सांस्कृतिक मंच को प्राप्त हुआ था।

जिसके तहत 18 वर्षों से निरंतर इस उत्सव को भव्य स्तर पर मनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर निष्ठा सांस्कृतिक मंच के चेयरमैन सुभाष चंद सिंगला तथा संजय भसीन ने अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर मुख्यमंत्री का आभार जताया। वहीं उड़ीसा, आसाम, जबलपुर, झारखण्ड तथा छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने समापन समारोह के दौरान नृत्यों की प्रस्तुतियां दी। इसके अतिरिक्त हरियाणा के रोहतक से इंडियाज गोट टैलेंट की प्रतिभागी टीम ने भी मुख्यमंत्री के सामने अपने बेहतरीन नृत्य की प्रस्तुति दी। उनका नृत्य इतना जोशिला था कि दर्शक अपने स्थान पर थिरकते हुए तालियां बजाते नजर आए। संजय भसीन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री ने अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

ऊफ तौबा ये शादी नाटक को मिला पहला पुरस्कार
पांच दिवसीय उत्सव में अलग-अलग राज्यों के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिसमें निर्णायक मण्डल द्वारा विजेता चुने गए। हास्य नाटक श्रेणी में बरेली के नाटक उफ तौबा ये शादी ने पहला स्थान तथा जरुरत है श्रीमती की नाटक ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
इसके अतिरिक्त पिपल फांउडेशन मणिपुर के नाटक हैगात लंग को पहला स्थान प्राप्त हुआ, जिन्हे स्मृति चिन्ह के साथ-साथ नगद ईनाम राशि से भी पुरस्कृत किया गया। वहीं एकलव्य नाट्य समिति देहरादून के नाटक नागमण्डल को दूसरा व रंगप्रवाह सांस्कृतिक समिति बरेली के नाटक जी जैसी आपकी मर्जी को तीसरा स्थान मिला। इसके अलावा सृजन रंगयात्रा छत्तीसगढ़ का नाटक मानव पुरुषार्थ मोक्ष व झारखण्ड के नाटक शोभा को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ। नाटक श्रेणी में ही सवज़्श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार देहरादून के कलाकार अखिलेश नारायण को मिला व सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का जागृति कोठारी को प्राप्त हुआ।

सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का खिताब मणिपुर की बेबी रोशी ने जीता। समूह नृत्य प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार पोहर डांस अकादमी आसाम ने जीता, दूसरा पुरस्कार स्वारागिनी सांस्कृतिक केंद्र जबलपुर तथा तीसरा पुरस्कार नृत्य कला संकल्प छत्तीसगढ़ ने जीता। वहीं कोरापुत कल्चरल सोसायटी ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। इस मौके पर मेयर मधू आजाद, चेयरमैन जीएल शर्मा, शरद गोयल, डा. मंदीप गोयल, इफको से अजय पाण्डे, रवि खुशलानी, जितेंद्र तिवारी, एमएम पब्लिक स्कूल के चेयरमैन देवेश गुप्ता, प्राचार्य स्वाति खण्डेलवाल, सचिव मनोज गुप्ता, हरियाणा कला परिषद् के उपाध्यक्ष सुदेश शर्मा, क्षेत्रीय निदेशक गजेंद्र फौगाट, गोल्डी सिंगला, शशी भसीन, हर्ष कुमार, हरीष भारद्वाज, मंजीत सोंधी, महेंद्र कक्कड़, मूलचंद तंवर, रमेश कालड़ा, हरजीत सिंह, अनुज भसीन, अर्पित भसीन, अनिल संदूजा, दलीप साहनी, मोहनकांत, योगेश गुप्ता, मनीष डोगरा, विकास शर्मा आदि उपस्थित रहे।

– सतबीर, अरोड़ा

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