सालों से महिला और पुरुषों के बीच सर्जरी का चलन काफी बढ़ा है। लोग अपनी सुंदरता को अपने हिसाब से ढालने के लिए सर्जरी का सहारा लेते है। लेकिन क्या आपको पता है कि जो सर्जरी आपको मनचाही खूबसूरती देती है, वो आपको मेंटली और फिजिकली दोनों तरह से नुकसान पहुंचा सकती है? जी हां, सर्जरी से आप खूबसूरत तो बन जाते है लेकिन अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आइए जानते है कि प्लास्टिक सर्जरी के क्या-क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते है।
सर्जरी कराने के बाद आप अपना मनचाहा चेहरा पाकर खुश हो सकते है साथ ही आपमें काफी आत्मविश्वास हो सकता है। लेकिन जो लोग सर्जरी कराते है, हमेशा अपने अंदर कोई-न-कोई खामी को खोज ही लेते है। जिसके बाद वे अपने चेहरे को अलग तरीके से ढालने के बारे में सोचते है। कहा जाए तो, प्लास्टिक सर्जरी लत है। क्योंकि जो लोग चाकू के नीचे जाते हैं, वे बॉडी डिस्मॉर्फिया से पीड़ित होते हैं, इसलिए उनका शरीर उनकी नज़र में कभी भी सही नहीं होता है, जिससे वो और ज्यादा सर्जरी कराने के बारे में सोचते है।
2020 के एक अध्ययन में सिलिकॉनब्रेस्ट इम्प्लांट और ब्रेन फॉग और मेमोरी लॉस के बीच एक कनेक्शन पाया गया है। ब्रेस्ट इम्प्लांट बीमारी (बीआईआई), जो आमतौर पर सर्जरी का सहारा लेकर ब्रेस्ट साइज बढ़ाने वाली महिलाओं को प्रभावित करती है, ये महिलाओं में थकान और मांसपेशियों में दर्द सहित अन्य बीमारी को भी न्योता देती है। माना जाता है कि बीआईआई ब्रेन में एक सूजन प्रतिक्रिया के कारण होता है, जो सिलिकॉन इम्प्लांट से शुरू होता है। इम्प्लांट हटा दिए जाने के बाद आमतौर पर कुछ हफ्तों के अंदर लक्षणों में सुधार होता है।
सर्जिकल हस्तक्षेप के कारण नर्व डैमेज भी हो सकती है। सौभाग्य से, कई बार लक्षण अस्थायी होते हैं और आमतौर पर कुछ महीनों के अंदर ही गायब हो जाते हैं। जैसे, ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए सर्जरी कराने वाली महिलाओं में निपल सेंसेशन में बदलाव (जैसे सुन्नता, झुनझुनी, आदि) के मामले देंखे गए हैं।
बता दें, कॉस्मेटिक सर्जरी का आपके मानसिक स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ता है। आख़िरकार, आप अपने देखने के तरीके को बदलते हैं, जिससे भावनाओं का उतार-चढ़ाव हो सकता है और ये आपको मेंटल हेल्थ समस्या तक ले जा सकता है।
कॉस्मेटिक प्रक्रिया और कई सर्जिकल प्रक्रियाओं में ब्लड क्लोट बनने का जोखिम मौजूद होता है। प्लास्टिक सर्जरी के रोगियों में सबसे अधिक रिपोर्ट किया जाने वाला रोग शिरापरक थ्रोम्बोएम्बोलिज्म (वीटीई) है, जो काफी घातक हो सकता है।