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DINK Couple: आजकल ज्यादातर Couples DINK लाइफस्टाइल को अपना रहे हैं। जिसमें Couples का पूरा focus करियर और खुद की खुशी पर होता है। जिसमें बच्चे की जिम्मेदारी एक बाधा बन सकती है। ऐसे कपल्स के लिए double income no kids (DINK) टर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं इस टर्म और इसके फायदे-नुकसान के बारे में।
Highlights
आज के समय में हर कोई अपने future planning पहले से ही कर लेते हैं। वहीं married couples केवल खुद की खुशी और करियर के पीछे भाग रहे हैं। जिसकी वजह से वे baby plan में देरी करते हैं। वहीं ऐसा माना जाता है कि शादी और बच्चे सही उम्र में हो जाने चाहिए। इसे पति-पत्नी दोनों के स्वास्थ्य के नजरिए से बेहतर माना जाता है। लेकिन समय तेजी से बदल रहा है। अब couples सही उम्र को नहीं, बल्कि करियर को priority दे रहे हैं।
ऐसे married couples, जो टाइम से शादी कर चुके हैं, जॉब करते हैं और उनका फिलहाल family planning का कोई इरादा नहीं है, उनके लिए एक टर्म का इस्तेमाल किया जाता है जिसे DINKs (Dual Income No Kids) कहा जाता है। इसमें वो couples होते हैं, जो दोनों जॉब करते हैं लेकिन उन्होंने पेरेंट्स बनने की कोई जल्दबाजी या जरूरत नहीं होती। बेशक लड़के-लड़कियों के लिए शादी की एक सही उम्र तय है, लेकिन मॉडर्न जमाने में बहुत कम युवा ही इसे फॉलो कर रहे हैं। कमाल की बात यह है कि अगर सही समय पर शादी कर ली जाए, तो family planning में बिल्कुल भी जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं। आजकल ज्यादातर couples शादी के बाद पहले अपने सपनों को पूरा करना चाहते। यह एक ऐसा फैसला है, जिसमें कपल्स को बच्चों को लेकर किसी तरह की टेंशन नहीं होती है। वो जो भी कमाते हैं, अपने ऊपर खर्च करते हैं या सेविंग करते हैं। पिछले कुछ सालों में यह ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। ऐसा माना जाता है कि इससे उन्हें अपने शौक पूरे करने या खुलकर जीने का मौका मिलता है।
ऐसे Couples सामाजिक सोच-विचार से ऊपर उठकर खुद को प्राथमिकता देना जरूरी समझते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं, कि इसके कुछ नुकसान हैं, लेकिन कुछ फायदे भी हैं। ऐसे couples को अपने लिए क्वालिटी टाइम मिलता है, जिससे उन्हें खुशी मिलती है और खुद को निखारने का समय भी मिलता है। इतना ही नहीं, इससे couples एक-दूसरे को अच्छी तरह समझ सकते हैं। इसके साथ रोजाना एक्सरसाइज करने, नई चीजों को सीखने से खुद को ज्यादा बेहतर इंसान बनाने में मदद मिलती है।
खासकर पुराने ख्यालात के लोग इस तरह के लाइफस्टाइल को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते। मां-बाप हमेशा चाहते हैं कि उनके बच्चे शादी के बाद जल्दी बच्चे की प्लॉनिंग करें। यही वजह है कि समाज में इस ट्रेंड का विरोध भी हो रहा है। लोग ऐसे couples को स्वार्थी या पारंपरिक पारिवारिक अपेक्षाओं से भटकने वाला कहते हैं। खासकर इससे वो महिलाएं प्रभावित हो रही हैं, जो परिवार को प्राथमिकता देना चाहती हैं लेकिन उन पर करियर या पर्सनल अचीवमेंट को लेकर एक अलग प्रेशर बना दिया जाता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है, कि कई बार couples की ये सोच परिवार और समाज में अलगाव जैसी सिचुएशन पैदा करती है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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