Foods For Winter: सर्दियों का मौसम आ गया है, इस मौसम में बहुत से लोगों की पाचन प्रणाली कमजोर हो जाती है जिस वजह से उन्हें जुकाम- सर्दी, खांसी वायरल फीवर, पेट से जुड़ी समस्याएं आदि होने लगती हैं। तो, अपनी पाचन प्रणाली को मज़बूत करने और साथ ही ठंड से बचने के लिए आप अपनी डाइट में कुछ ऐसे अनाज शामिल कर सकते हैं जो सेहतमंद होने के साथ-साथ पौष्टिक भी हैं। साल से साल तक लोग गेहूं से बनी रोटी खाते हैं लेकिन क्या हो अगर आप सर्दियों में मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और कुट्टू के आटे से बनी रोटियां खाएं? दरअसल सर्दियों में इन सभी मोटे अनाजों की रोटियां खाने से आपकी पाचन प्रणाली मज़बूत होती है साथ ही ये अनाज आपको अंदर से गर्म भी रखते हैं। मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और कुट्टू के आटे में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। यदि आप रोटी नहीं खाना चाहते हैं तो आप इन अनाज से पराठा, कचौड़ी और डोसा आदि भी बना सकते हैं। आइए एक एक अनाज के बारे में जानते हैं।
सर्दियों में बाजरे से बनी रोटियां खाना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। बाजरे में अधिक मात्रा में फाइबर, पोटैशियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिनसे इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है और वजन भी नियंत्रण में रहता है, साथ ही इससे शरीर को गर्म रखने में मदद मिलती है और शरीर कई तरह की बिमारियों से बचा रह सकता है।
यदि आपको बहुत ठंड लगती है तो इस मौसम में ज्वार के आटे से बनी रोटियां खाना बहुत फायदेमंद हो सकता है, दरअसल ज्वार से शरीर को गर्मी मिलती है। ज्वार अनाज ग्लूटेन फ्री होता है। इस आटे के सेवन से भी पाचन तंत्र मज़बूत होता है। ज्वार को आप उपमा, डोसा, रोटी बनाकर खा सकते हैं। ज्वार में मिनरल्स, प्रोटीन, विटामिन B, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
मक्के की रोटी और सरसों का साग भारत में अक्सर लोगों को खाना पसंद होता है। मक्के का आटा स्वाद में जितना पौष्टिक होता है उतना ही यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है। मक्के का आता शरीर को गर्म करने के लिए जाना जाता है। मक्के का आटा विटामिन ए, विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन, विटामिन के, सेलेनियम और आयरन भारी मात्रा में पाया जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार मक्के का आटा एनीमिया मरीजों के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। मक्का को ढोकला, रोटी, परांठा आदि बनाकर खाया जा सकता है।
रागी के आटे को विशेष रूप से उत्तराखंड में खाया जाता है। रागी के आटे की तासीर बहुत गर्म होती है इसलिए यह ठंड से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रागी के आटे में कैल्शियम, प्रोटीन, पोटैशियम, आयरन, फाइबर अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं। साथ ही इसमें मौजूद डायटरी फाइबर वजन कम करने में मदद करते हैं। रागी का एक फायदा यह भी है कि इसमें कोलेस्ट्रॉल और सोडियम नहीं पाएं जाते हैं। यह आटा शुगर के मरीजों के लिए अच्छा है। इसे रोटियां, डोसा और परांठा बनाकर खाया जा सकता है।
कुट्टू के आटे को विशेष रूप से फास्टिंग में खाया जाता है। इसकी तासीर बहुत गर्म होती है। कुट्टू के आटे में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन बी 2, राइबोफ्लेविन प्रोटीन, फैट, कार्ब्स, फाइबर, पौटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, आयरन और नियासिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। फास्टिंग के अलावा भी कुट्टू के आटे को सर्दियों में खाया जा सकता है। यह शरीर को गर्म रखने और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मददगार है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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