रोजाना 30 मिनट लें सुबह की धूप, मेंटल हेल्थ को मिलेंगे 3 कमाल के फायदे

रोजाना 30 मिनट लें सुबह की धूप, मेंटल हेल्थ को मिलेंगे 3 कमाल के फायदे
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Health Tips: सूरज की किरणें नुकसान तो करती हैं लेकिन अगर रोज़ कुछ देर धूप में बैठा जाए तो आपको फायदा भी हो सकता है। यह ब्लड प्रेशर को मैनेज करने से लेकर डायबिटीज़ मोटापा जैसी बीमारियों से बचा भी सकती है।

30 मिनट लें सुबह की धूप

क्या आप भी अक्सर धूप में जाने से बचते हैं। अगर हां तो एक बार इसकी वजह से हो सकने वाले नुकसान के बारे में जान लें। सूरज की रोशनी आपकी सेहत के लिए काफी जरूरी है। धूप में कुछ समय बिताने से आपकी मेंटल हेल्थ (Mental Health) में काफी सुधार हो सकता है (Benefits of Sunlight)। आइए जानें धूप में समय बिताना कैसे आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

विटामिन-डी और मानसिक स्वास्थ्य

विटामिन डी का उत्पादन त्वचा में सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से होता है। विटामिन-डी हमारे शरीर में कई जरूरी काम करता है, जिसमें सेरोटोनिन के प्रोडक्शन को बढ़ाना भी शामिल है। सेरोटोनिन एक हार्मोन है, जो हमारे मूड को नियंत्रित करता है। कम सेरोटोनिन के लेवल से डिप्रेशन और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD)

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) एक प्रकार का डिप्रेशन है, जो सर्दियों के महीनों में होता है, जब धूप कम होती है। SAD से पीड़ित लोग अक्सर थकान, नींद आना, वजन बढ़ना और इच्छाशक्ति कम होना महसूस करते हैं। SAD से निपटने में मदद करने के लिए, डॉक्टर अक्सर लाइट थेरेपी का सुझाव देते हैं। ऐसे में कुछ समय धूप में बिताने से डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।

स्लीप साइकिल में सुधार

सूरज की रोशनी हमारी स्लीप साइकिल को भी प्रभावित करता है। जब हम सूरज की रोशनी के संपर्क में आते हैं, तो हमारे शरीर में मेलाटोनिन नामक हार्मोन का प्रोडक्शन कम हो जाता है। मेलाटोनिन नींद को प्रेरित करने में मदद करता है। इसलिए, स्लीप साइकिल को बेहतर बनाने के लिए धूप में कुछ समय बिताना चाहिए।

तनाव कम होता है

तनाव एक आम समस्या है, जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। लेकिन इससे बचने या यूं कहें कि इसे कम करने में सूरज की रोशनी मददगार हो सकती है। सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन, जो एक स्ट्रेस हार्मोन है, का उत्पादन कम हो सकता है।

(Input From ANI)

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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