Japan Flu Cases: पिछले कुछ सालों से दुनिया पर किसी न किसी महामारी का खतरा मंडरा रहा है। कोरोना के बाद चीन में बढ़ते निमोनिया ने दुनिया में एक डर का माहौल बना दिया है जिसके बाद अब जापान के हालात भी सामान्य नहीं दिख रहे हैं। पिछले कुछ समय में ही जापान में लगभग 5000 अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा फ्लू के लगभग 166,690 मामले सामने आएं हैं जो जापान के लिए एक बड़ा चिंता का विषय बन गया है। हाल ही में भारत के कुछ राज्यों में भी कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के कुछ मामले सामने आने से भारत सरकार सहित स्वास्थ्य एक्सपर्ट की चिंता बढ़ा दी है। जापान में पहले कोरोना और अब इन्फ्लूएंजा फ्लू ने वहां की सरकार को चिंता में ड़ाल दिया है। जापान के स्वास्थ्य मंत्री ने खुद इस बारे में जानकारी दी है कि जापान में पिछले 10 सालों में इन्फ्लूएंजा फ्लू के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले हैं। भारत सरकार ने भी जापान में इन्फ्लूएंजा फ्लू को देखते हुए इसके ऊपर नज़र रखने और रिपोर्ट देने को कहा है। आज हम यहाँ फ्लू के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
स्वास्थ्य एक्सपर्ट के मुताबिक फ्लू एक बीमारी है जो इन्फ्लूएंजा वायरस फैलने से होती है। सर्दियों में फ्लू के फैलने के ज्यादा चांस रहते हैं यह बीमारी विशेष तौर पर सर्दियों में फैलती है। यह बीमारी शरीर में दर्द, गले में खराश, बुखार और रेस्पिरेटरी से जुड़ी होती है जो बहुत खतरनाक होती है। इन्फ्लूएंजा फ्लू होने से बचने के लिए सर्दियों में संभलकर रहना चाहिए। अपनी इम्युनिटी को मज़बूत रखना चाहिए।
फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित होने से फैलता है, इन्फ्लूएंजा वायरस से यदि आप संक्रमित होते हैं तो आपको फ्लू होने का खतरा रहता है। इन्फ्लुएंजा वायरस तीन तरह के होते है A, B और C, इन्फ्लुएंजा ए और बी सबसे ज्यादा सर्दियों में फैलने का खतरा रहता है और यह बहुत खतरनाक होता है। इन्फ्लुएंजा सी एक मौसमी वायरस नहीं है और यह ज्यादा खतरनाक नहीं है।
इन्फ्लुएंजा फ्लू से बचने के लिए आपको प्रत्येक वर्ष वैक्सीन लगवानी चाहिए। वैक्सीन लगवाने के कारण आपके अंदर वायरस को मारने की एंटीडोट होगी जिससे वायरस आपको बीमार नहीं कर पायेगा। वैक्सीन लगवाने के बाद आप आपकी इम्युनिटी मज़बूत रहेगी जिससे फ्लू का खतरा कम होगा। इसके अलावा खाने खाने से पहले और बाद में यह किसी चीज को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन से धोएं या सैनिटाइजर करें, बहार जाते समय या छींकते और खासंते समय अपने मुँह को मास्क से कवर करें। बीमार होने पर घर से बाहर न जाएं और लोगों के सम्पर्क में आने से बचें। अपने मुँह को कवर करके रखें और अपने हाथों को नाक, कान, मुँह आदि पर बार-बार न लगाएं विशेषतौर पर जब आप बाहर रहें। दूसरों का झूठा न खाएं न किसी को अपना झूठा खाने दें।
इसमें शुरुआत में खांसी की समस्या होती है जिसके बाद बुखार, सिरदर्द और ठंड लगने लगती है। इसमें नाक बहने और शरीर में दर्द होने लगता है साथ ही गला खराब होना, कमजोरी महसूस होना और दस्त या उल्टी होने जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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