एक अध्ययन के अनुसार, लंबे समय तक नींद की कमी होने से स्वस्थ महिलाओं में डायबिटीज या शुगर का खतरा बढ़ जाता है। मेनोपॉज के बाद इसका खतरा ज्यादा होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा डायबिटीज केयर में प्रकाशित अध्ययन इस बात पर जोर देता है कि टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए पर्याप्त नींद लेना कितना महत्वपूर्ण है, जो एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर एक महत्वपूर्ण हार्मोन इंसुलिन का उपयोग करने में असमर्थ है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की रिसर्च के अनुसार 6 सप्ताह तक 90 मिनट की नींद पूरी न होने के कारण फास्टिंग इंसुलिन का स्तर मेनोपॉज से पहले 12 प्रतिशत से ज्यादा हो गया और मेनोपॉज के बाद यह 15 प्रतिशत पाया गया, जो एक खतरा माना गया।
स्वस्थ रहने और डायबिटीज से बचे रहने के लिए नींद पूरी होना जरुरी है। डॉक्टर्स के अनुसार कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद पूरी करनी जरुरी है। डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, लगातार 6 सप्ताह तक कम नींद लेना आपको गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में ड़ाल सकता है। कम नींद लेने का असर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के कार्डियोमेटाबोलिक स्वास्थ्य पर ज्यादा असर ड़ालता है जिससे उन्हें डायबिटीज जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
नेशनल हार्ट में स्लीप डिसऑर्डर रिसर्च पर नेशनल सेंटर की निदेशक, Ph.D. मारिश्का ब्राउन ने कहा, महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम सोती हैं, इसलिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि जीवन भर नींद की गड़बड़ी उनके स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डालती है। डायबिटीज या अन्य कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने के महिलाओं को अपनी नींद पर ध्यान देना होगा।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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