दिवाली का त्यौहार आने को है ऐसे में सभी लोग दिवाली की तैयारियों में जोरों-शोरों के साथ जुट गए हैं। दिवाली खुशियां मनाने और बांटने का त्यौहार है इस दिन लोग अपने घरों में रौशनी के लिए लाइट, दीपक और मोमबत्ती जलाते हैं। इसके अलावा दिवाली पर लोग मिठाइयां खाने और पटाखे फोड़ने का भी शौक रखते हैं, लेकिन जैसा की आप जानते हैं अभी दिवाली आई नहीं और दिल्ली और देश के कई अन्य राज्यों का प्रदूषण लेवल बहुत हाई है। ऐसे में दिवाली होने पर प्रदूषण लेवल का स्तर कितना होगा इसका अनुमान लगाया जा सकता है इसलिए दिवाली पर प्रदूषण को कम करने के लिए आप कुछ तरीके अपना सकते हैं जिनसे प्रदूषण को होने से रोका जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे तरीकों के बारे में जिनसे दिवाली पर प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सकता है।
दिवाली आने से पहले ही पटाखों का शोर होने लगता है जो किसी भी जानवर और मनुष्यों के कानों के लिए नुकसानदायक होता है। दिवाली पर इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई भी ज्यादा शोर करने वाला पटाखा न खरीदें और दुसरों को भी मना करें। ऐसा करने से ध्वनि प्रदूषण को रोका जा सकता है।
ज्यादा प्रदूषण फ़ैलाने वाले पटाखे उपयोग करने से बचें। आप प्रदूषण को ग्रीन पटाखे जलाकर फैलने से रोक सकते हैं। ग्रीन पटाखे जलाने से अन्य पटाखों के मुकाबले कम प्रदूषण होता है क्योंकि ग्रीन पटाखों को बनाते समय उनमें कम केमिकल का उपयोग होता है इसलिए ग्रीन पटाखे जलाने से हेल्थ पर गलत प्रभाव भी कम पड़ेगा।
इस दिवाली पर रात को लंबे समय तक पटाखे जलाने से बचें इससे प्रदूषण कम होगा और दूसरे लोग जो सोना चाहते हैं उनकी नींद में खलल नहीं डलेगा। इस बात का ध्यान रखें कि लंबे समय तक पटाखे जलाना आपकी सेहत के लिए भी अच्छा नहीं रहेगा इससे पटाखे पटाखों से निकली जहरीली हवा आपके फेफड़ों के लिए नुकसानदायक होगी।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।