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Migraine: माइग्रेन एक आम सिरदर्द से कहीं अधिक है। जिसकी वजह से आप कई दिनों तक बिस्तर पर रहना पड़ सकता हैं। हिलने-डुलने, प्रकाश, ध्वनि और अन्य कारणों से आपको दर्द, थकान, मितली, दृश्य गड़बड़ी, सुन्नता और झुनझुनी, चिड़चिड़ापन, बोलने में कठिनाई, दृष्टि का अस्थायी नुकसान और कई अन्य लक्षण हो सकते हैं।
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इन दिनों लोगों की लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव होने लगा है। बढ़ता वर्क प्रेशर और काम का बदलता कल्चर लोगों की जीवनशैली को प्रभावित करने लगा है, जिसका असर व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी दिखने लगता है। लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ ही खानपान की गलत आदतें भी कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह हो सकती है। आइए जानते हैं माइग्रेन के लिए जिम्मेदार कुछ प्रमुख कारणों के बारे में-
इन दिनों लोगों की जिंदगी काफी भागदौड़ भरी हो चुकी है। काम के प्रेशर और अन्य वजहों से लोगों की शारीरिक ही नहीं मानसिक सेहत भी प्रभावित होती है। इसकी वजह से अक्सर लोग तनाव और डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं, जो माइग्रेन की शुरुआत में योगदान कर सकते हैं।
सेहतमंद रहने के लिए अच्छी और पूरी नींद बेहद जरूरी होती है। हालांकि, बिगड़ती जीनवशैली की वजह से अक्सर नींद खलल पड़ने लगता है। ऐसे में अनियमित नींद का पैटर्न, अपर्याप्त नींद या बहुत ज्यादा नींद भी कुछ लोगों में माइग्रेन के लिए ट्रिगर का काम कर सकती है।
हार्मोन्स में बदलाव भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। एस्ट्रोजन में उतार-चढ़ाव माइग्रेन पेन में योगदान कर सकता है। ऐसा आमतौर पर महिलाओं को मासिक धर्म यानी पीरियड्स, प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज के दौरान अनुभव होता है।
इन सभी कारणों के अलावा कुछ ऐसे फूड आइटम्स भी हैं, जो माइग्रेन पेन की वजह बन सकते हैं। पुरानी चीज, प्रोसेस्ड मीट और आर्टिफिशियल स्वीनर आदि संवेदनशील व्यक्तियों में माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।