Health Tips: फ्लू, वायरल फीवर और निमोनिया के मिलते हैं लक्षण, जानें कैसे पहचाने?

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Health Tips: सर्दियों के मौसम की शुरुआत हो चुकी है इस मौसम में बहुत सारे वायरस और बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं जिनसे लोग फ्लू, वायरल फीवर और निमोनिया के शिकार होने लगते है इसलिए हाल-फ़िलहाल में देश में फ्लू, वायरल फीवर और निमोनिया के केस बढ़ते जा रहे हैं जिसमें सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि लोगों को इन तीनों बिमारियों के लक्षणों की पहचान करने में Confusion होती है क्योंकि इन बिमारियों में खांसी-जुकाम और बुखार ही लक्षण होते है जो एक जैसे हैं। तो हम यह कैसे जान सकते हैं कि व्यक्ति को तीनों में से कौन से बीमारी है? (Health Tips) आज हम आपको इसी बारे में बताने वाले हैं। इस बारे में जानना आपके लिए इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि समय पर सही पहचान और इलाज न मिलने से निमोनिया जैसी बीमारी व्यक्ति की जान के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है। आइए जानते हैं इन बिमारियों के बीच क्या अंतर है?

  • फ्लू, वायरल फीवर और निमोनिया के बढ़ रहे हैं मामले
  • लोगों को इन तीनों बिमारियों के लक्षणों की पहचान करने में Confusion होती है
  • इन बिमारियों में खांसी-जुकाम और बुखार ही लक्षण होते है जो एक जैसे हैं
  • आइए जानते हैं इन बिमारियों के बीच क्या अंतर है

निमोनिया और फ्लू के बीच अंतर

डॉक्टर्स के अनुसार निमोनिया और फ्लू को पहचानने के लिए उनकी सांस पर ध्यान देना चाहिए यानिकि यदि मरीज को फ्लू है तो उसे सांस लेने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए लेकिन यदि उसको निमोनिया है तो वह खींच-खींच कर सांस लेगा उसको सांस लेने में परेशानी होगी क्योंकि निमोनिया होने पर शरीर में ऑक्सीजन कम होने लगती है जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है।

इसके अलावा फ्लू होने पर व्यक्ति को सीने में दर्द नहीं होता है लेकिन निमोनिया होने पर उसे सीने में तेज दर्द की शिकायत रहती है और खांसी में बलगम की समस्या रहती है। निमोनिया में व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है, भूख नहीं लगती है और ठंडा पसीना आता है लेकिन फ्लू में ऐसा नहीं होता है। फ्लू नार्मल 4 से 5 दिनों तक रहता है लेकिन निमोनिया में ऐसा नहीं होता है। निमोनिया का समय पर पता चलना और सही इलाज मिलना बहुत जरुरी है ऐसा न होने पर यह जानलेवा साबित होता है।

निमोनिया और वायरल फीवर के बीच अंतर

वायरल फीवर में बहुत हल्का सा बुखार व्यक्ति को रहता है। वायरल में सांस लेने में समस्या या छाती में दर्द होने की समस्या नहीं रहती है। वायरल फीवर बड़े लोगों के साथ ही किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है लेकिन निमोनिया के ज्यादातर केस बच्चों और बुजुर्गों में देखने को मिलते हैं। ज़रा से भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर्स से सम्पर्क करें।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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