डॉ मनीष ने कहा, "इसके अलावा, जीका संक्रमण अन्य गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है जिन्हें सामूहिक रूप से जन्मजात जीका सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है।" उन्होंने कहा, "इससे रेटिना और ऑष्टिक तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे आंखों की रोशनी में समस्या आ सकती है। साथ ही सुनने की क्षमता में भी दिक्कत आ सकती है। गर्भ में और जन्म के बाद भी विकास संबंधी कुछ बाधाएं सामने आ सकती हैं। इसमें जन्म के समय कम वजन और विकास पर असर पड़ सकता है। साथ ही इसमें जोड़ों से जुड़ी कुछ समस्याएं भी सामने आ सकती हैं, जिससे आर्थोग्राइपोसिस होता है।" जीका वायरस संक्रमित मच्छर के काटने से व्यक्ति में फैलता है। इसके शुरुआती लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं। इसमें मरीज को बुखार, दाने, जोड़ों में दर्द और लाल रंग होने जैसी समस्याएं आ सकती हैं।