जयपुर : राज्य सरकार ने अधिकारियों को दक्षिण- पश्चिम मानसून के आगमन से पहले ही जिला आपदा प्रबंधन योजनाओं को अपडेट करने और आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिये है।
राज्य सरकार की ओर से जारी किये गये परिपत्र में सभी जिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को बाढ़ संभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यो की पूर्व तैयारियों के लिए निर्देश जारी किये हैं। इसके तहत सभी जिला कलेक्टर्स को आगामी 15 जून तक जिला आपदा प्रबंधन योजनाओं को अपडेट करने और आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिये गए हैं। इसके तहत सभी अधिकारियों को मुस्तैद रहने के साथ ही संबंधित विभागों को मानसून में जलभराव एवं बाढ़ की स्थिति होने पर जन धन की सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रबन्ध करने की हिदायत दी गयी है।
परिपत्र के अनुसार पुलिस विभाग द्वारा भी किसी भी आपदा से निबटने के लिये पर्याप्त मात्रा में तैराक, नावें व गोताखोरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। राज्य आपदा मोचन बल द्वारा आपदा काल में राज्य भर में सेवाएं प्राप्त की जा सकती हैं। इस कार्य के लिए 800 कार्मिकों की भर्ती भी की गई है।
प्रदेश में मानसून की गतिविधियों की नियमित जानकारी और जान माल की सुरक्षा के उचित प्रबंधन के लिए मौसन विभाग द्वारा एक स्थायी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा।
इसी प्रकार सिंचाई विभाग द्वारा भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। विभाग वर्षाकाल में नदियां, नहरों, बांधों, तालाबों आदि का निरन्तर निरीक्षण कर संकट के विषय में अग्रिम चेतावनी देने का भी कार्य करेगा।
इसके अलावा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, स्थानीय निकाय विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, विद्युत वितरण निगम, सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जाएंगे। इन विभागों को आपदा की स्थिति में पानी के निकास की उचित व्यवस्था, खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का भण्डारण एवं वितरण, सड़कों की मरम्मत और नालों की सफाई, जीवन रक्षक दवाइयों और मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था और विद्युत वितरण को सुचारु रखने की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश प्रदान किये गये हैं।
– वार्ता