अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेला 28 अक्टूबर से प्रारम्भ होने जा रहा है। आपको बता दे कि इसमें धर्मानुयायियों के साथ बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी शामिल होंगे।
प्रशासनिक स्तर पर पुष्कर के मेला मैदान पर कल प्रात: 10 बजे ध्वजारोहण के साथ मेला विधिवत प्रारम्भ होगा। जहाँ पारम्परिक तरीके से राजस्थानी संस्कृति का जादू बिखेरा जायेगा। विभिन्न तरह के पशुओं की प्रतियोगिताएं तथा देशी व विदेश पर्यटकों मे भी प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। कल ही पवित्र पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर दीपदान भी आयोजित होगा।
31 अक्टूबर को कार्तिक मास की पवित्र प्रबोधिनी एकादशी के पहले पंचतीर्थ स्नान प्रारंभ होगा जो 4 नवम्बर कार्तिक पूर्णिमा पर महास्नान के साथ सम्पन्न होगा। कस्बे के मठ मंदिर के संत महन्तों एवं विभिन्न धर्मानुयायियों की उपस्थिति के साथ विशाल आध्यात्मिक पदयात्रा निकलेगी। जगतपिता ब्रह्मा के पुष्कर तीर्थ मे धार्मिक समरसता का रंग बिखरेगा।
पदयात्रा 31 अक्टूबर को प्रात: 9.30 बजे पुष्कर गुरुद्वारा से रवाना होकर परिक्रमा मार्ग से ब्रह्म चौक ब्रह्मा मंदिर होते हुए मेला मैदान पहुंचेगी, जहाँ संत महंतों का सम्मान किया जायेगा। वहीं पुष्कर सरोवर मे हजारों भक्त एकादशी का पहला पंचतीर्थ स्नान इसी दिन अल सुबह से करेंगे, जो आगे पांच दिन तक चलेगा। शाम को पुष्कर सरोवर के घाटों पर महाआरती का क्रम भी प्रतिदिन बना रहेगा। इधर, एक हफ्ते से चल रहे पशु मेला मे 2835 पशु पहुंच चुके है। ऊंटों की संख्या करीब 2700 के है। मेले मे अश्वों पर बीमारी के नाम पर लगाए सरकारी प्रतिबंध के बावजूद अश्वपालक मेला क्षेत्र के बाहर डेरा डाले बैठे है।
मेले को देखते हुए जिला व पुलिस प्रशासन चाकचौबंद हैं। पशु, पशुपालक, देशी-विदेशी सैलानियों तथा व्यापारियों की आवक मे इजाफा हो रहा है।