भारत में लगातार हो रहे चीनी सामान (China Products Boycott) के बहिष्कार, चीनी ऍप्लिकेशन्स और चीनी कंपनियां बैन के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (The People's Bank of China) ने भारत में निजी ICICI बैंक में हिस्सेदारी खरीदी है। हालांकि, बैंक की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। बता दें कि पिछले साल मार्च में चीन के केंद्रीय बैंक ने एचडीएफसी (HDFC Bank) में अपना निवेश बढ़ाकर 1 फीसदी से ज्यादा किया था। तब इस पर काफी हंगामा भी हुआ था।
चीनी बैंक का कितना निवेश है ?
चीन के केंद्रीय बैंक ने ICICI में महज 15 करोड़ रुपये का निवेश किया है और यह निवेश क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट के जरिए हुआ है। अन्य विदेशी निवेशकों में सिंगापुर की सरकार, मॉर्गन इनवेस्टमेंट, सोसाइटे जनराले आदि शामिल है।
चीन के हिस्सा खरीदने से भारतीय कंपनियों को क्या डर है?
पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना की ओर से एचडीएफसी में किया गया निवेश ज्यादा नहीं था, लेकिन बाजार में इस बात को लेकर चिंता जताई जाने लगी थी कि आखिर चीनी कंपनियां कैसे कोरोना के चलते भारत के बाजार में गिरावट के दौर का लाभ उठा सकती हैं। इसीलिए भारतीय कंपनियों (Indian Companies) के जबरन अधिग्रहण के खतरे को भांपते हुए केंद्र सरकार ने विदेशी निवेश (FDI-Foreign Direct Investment) के नियमों को सख्त कर दिया है।