देश के बच्चों में ऑनलाइन गेम के बढ़ते प्रचलन के मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी के नेता एंव बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में उठाया है। उन्होंने बच्चों द्वारा ऑनलाइन गेम में अधिक समय लगाये जाने पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार से इस पर नियंत्रण के लिए कानून बनाने की मांग की है। गौरतलब है कि, लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के कारण बच्चों का मोबाइल की तरफ आकर्षण बढ़ा है जिसके कारण ज्यादातर बच्चे ऑनलाइन गेम के आदि हो गए है।
मोबाइल पर पांच घंटे समय बिता रहे हैं बच्चें
सुशील मोदी ने उच्च सदन में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि, ऑनलाइन खेल बड़ी चिंता का विषय हैं क्योंकि करोड़ों युवा इस लत की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा, कोविड-19 से पहले मोबाइल गेम पर बच्चे औसतन 2.5 घंटे प्रत्येक सप्ताह समय बिताते थे जो लॉकडाउन के बाद से बढ़कर पांच घंटे हो गया है। उन्होंने कहा, आज 43 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं। ऐसा अनुमान है कि, 2025 तक यह आंकड़ा 65.7 करोड़ हो जाएगा। मोदी ने कहा कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाए थे लेकिन इन राज्यों के संबंधित उच्च न्यायालयों ने इसे खारिज कर दिया।
सरकार को उठाना चाहिए कोई कदम
भाजपा नेता ने राज्यसभा में मांग की है कि, सरकार ऑनलाइन खेलों पर नियंत्रण के लिए एक व्यापक फ्रेमवर्क तैयार करे तथा एक नियामक बनाए। उन्होंने कहा, यदि कोई कदम नहीं उठाया गया तो इस देश के करोड़ों बच्चों को ऑनलाइन गेम की आदतों से हम रोक नहीं पाएंगे। मोदी की इस मांग को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी गंभीरता से लिया और सदन में मौजूद संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से कहा कि, वह इस मामले का संज्ञान लें और कानून मंत्री से विमर्श करके आवश्यक कदम उठाएं।