1 - कोरोना वायरस : दिल्ली में कोरोना के बढ़ते केस से डरे यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड जैसे राज्य
महाराष्ट्र सरकार ने भी दिल्ली से आने वालों के लिए बड़ा फैसला किया है। राज्य में आने वालों को कोरोना की रिपोर्ट दिखानी होगी, तभी राज्य में प्रवेश दिया जाएगा। वहीं, यूपी के बरेली में तो प्रशासन ने स्थानीय बाशिंदों से अपील की है कि अगर कोई दिल्ली से आए तो उसकी सूचना कंट्रोल रूम को दें। दिल्ली से सटे गाजियाबाद, हरियाणा और नोएडा में भी बॉर्डर के पास कोरोना की जांच तेज कर दी गई है। बता दें कि आगरा में भी संक्रमण रोकने को कड़े कदम उठाए गए हैं। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर विशेष ऐहतियात बरती जा रही है। यहीं नहीं छोटे-छोटे प्रवेश मार्गों को बंद कर दिया गया है। दरअसल गाजियाबाद-नोएडा और हरियाणा के हजारों लोग हर दिन दिल्ली आते-जाते हैं। इसके चलते इन जिलों के प्रशासन ने दिल्ली से आने वालों पर निगरानी कड़ी कर दी है। दिल्ली की तरफ से आने वाले प्राइवेट वाहन सवार बीमार और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों की एंटीजेन किट से जांच हो रही है।
2 - कोरोना वैक्सीन : वैक्सीन को देश के हर हिस्से में पहुंचाने की जिम्मेदारी, नेटवर्क की मैपिंग शुरू
कोरोना वैक्सीन अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाई है, लेकिन इसको पूरे देश में पहुंचाने के नेटवर्क पर काम शुरू हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक डाक विभाग ने मास वैक्सीनेशन के लिहाज से अपने नेटवर्क की मैपिंग शुरू कर दी है और सरकार के निर्देश मिलते ही युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि वैक्सीन आने के बाद इसे देश के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए पोस्टल नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि अभी वैक्सीन किस रूप में आएगी और कितने तापमान पर उसका ट्रांसपोर्टेशन होगा, इस बारे में पुख्ता निर्देश नहीं मिले हैं। यही नहीं, विभाग ने इसके ट्रांसपोर्टेशन को लेकर कोल्डचेन बनाने की तैयारी पर भी बातचीत शुरू कर दी है। डाक विभाग पहले भी टीबी से जुड़े सैम्पल को नियत तापमान पर रिकॉर्ड समय में टेस्टिंग लैब्स में पहुंचाने का काम कर चुका है।
3 - असम : उग्रवाद से जुझते असम को अवसरों की धरती बनाने वाले थे तरुण गोगोई
मुख्यमंत्री के तौर पर तरुण गोगोई ने सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश की। वह गोगोई ही थे, जिनके कार्यकाल में कॉरपोरेट ने असम की धरती पर कदम रखा। लगातार पंद्रह साल तक मुख्यमंत्री रहे, प्रदेश को पहचान दिलाई। पर अपनी सरकार के नंबर दो के नंबर एक बनने की राह में बाधा बनना उन्हें भारी पड़ा और हेमंत बिस्वा सरमा को गंवाने की कीमत उन्हें अपनी सरकार गंवाकर चुकानी पड़ी। छह बार सांसद और दो बार केंद्रीय मंत्री रहे तरुण गोगोई ने 2001 में प्रदेश की राजनीति में कदम रखा। इस दौरान हेमंत बिस्वा सरमा नंबर दो की हैसीयत में रहे। हर बाप की तरह तरुण गोगोई भी अपनी राजनीतिक विरासत अपने बेटे और लोकसभा सांसद गौरव गोगोई को सौंपना चाहते थे। इसलिए, हेमंत बिस्वा सरमा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।
4 - कश्मीर से राजस्थान तक गिरने लगा पारा, बढ़ने लगी ठंड, जानें देशभर के मौसम का हाल
राज्य के बाकी इलाकों में अच्छी खासी सर्दी पड़ रही है। वहीं, मौसम विभाग ने अगले दो दिन में राज्य के कई जिलों में बादल छाए रहने तथा हल्की बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है। मौसम विभाग ने इसकी जानकारी दी की राजस्थान के एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू में पारा जमाव बिंदु पर पहुंच गया है। मैदानी इलाकों में रात का न्यूनतम तापमान चुरू में 5.8 डिग्री, भीलवाड़ा में 7.0 डिग्री, पिलानी में 7.1 डिग्री, सीकर में 7.4 डिग्री, डबोक में 7.3 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 7.6 डिग्री, अजमेर में 9.2 डिग्री, गंगानगर में 9.4 डिग्री व सवाई माधोपुर में 10.3 डिग्री सेल्सियस रहा। इस बीच, अगले दो दिनों में राज्य के कई हिस्सों में बादल छाए रहने का अनुमान है। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के साथ ही देहरादून में अगले कुछ दिन तक बारिश और ठंड बढ़ने की संभावना है। वहीं 25 नवंबर को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिलों में अनेक स्थानों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
5 - चीन : उइगर मुसलमानों को निशाना बना रहा चीन
चीन में उइगर मुसलमानों के साथ अत्याचार अभी भी जारी है। रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, इमामों की नजरबंदी से एक ऐसा माहौल बना है, जैसे उइगर लोग मरने से डरते हैं, क्योंकि उनके अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं है। इंटरनेशनल सिटीज ऑफ रिफ्यूज नेटवर्क (ICORN) से जुड़े नॉर्वे के एक कार्यकर्ता अब्दुवेली अयूप ने बताया कि शिनजियांग क्षेत्र के उइगरों के साक्षात्कार से पता चला है कि कम से कम 613 इमाम खत्म हो गए। बता दें कि 2017 की शुरुआत से 1.8 मिलियन उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को इस क्षेत्र में विशाल नेटवर्क वाले नजरबंद शिविरों में रखा गया। गुरुवार को वाशिंगटन स्थित उइगर ह्यूमन राइट्स प्रोजेक्ट (यूएचआरपी) की मेजबानी में आयोजित एक वेबिनार 'इमाम कहां हैं? पर बोलते हुए अयूप ने यह बात कही।