देशभर में कोरोना वायरस का कोहराम मचा हुआ है। संक्रमितों का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच, अच्छी खबर यह है कि कोरोना से ठीक होने की दर 47.99 प्रतिशत हो गई है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के कुल 3,804 मरीज ठीक हो गए हैं और अब तक 1,04,107 मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं। इस समय कोरोना के 1,06,737 सक्रिय मामले हैं और मरीजों के ठीक होने की दर 47.99 प्रतिशत है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कोरोना मरीजों की जांच में लगातार अपनी क्षमता में इजाफा कर रहा है और अब देश में कोरोना मरीजों की जांच के लिए 498 सरकारी तथा निजी क्षेत्र की 212 प्रयोगशालाएं हैं। देश में अब तक कोरोना के कुल 42,42,718 नमूनों की जांच की जा चुकी है और पिछले 24 घंटों में 1,39,485 नमूनों की जांच हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में इस समय(03 जून के आंकड़ के अनुसार) 952 कोविड समर्पित अस्पताल हैं जिनमें 1,66,332 आइसोलेशन बिस्तर, 21,393, आईसीयू बिस्तर,72,762 ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तर हैं।
इसके अलावा 2391 डेडिकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर हैं जिनमें 1,34,945 आइसोलेशन बिस्तर, 11,027 आईसीयू बिस्तर और 46,875 ऑक्सीजन सुविधा युक्त बिस्तर हैं। केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 125.28 लाख एन-95 मॉस्क और 101.54 पीपीई किट्स उपलब्ध करा दी हैं।
भारत में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 15 अप्रैल को 11.42 प्रतिशत, तीन मई को 26.59 प्रतिशत,18 मई को 38.29 प्रतिशत थी और इसके बाद इसमें सुधार होता गया और कल यह 48.31 प्रतिशत थी। विश्व के 14 देशों में जहां कोरोना के मामले अधिक देखे गये हैं उनकी आबादी भारत के बराबर ही है लेकिन उनमें भारत से 22.5 प्रतिशत अधिक कोरोना के मामले देखे गये हैं और मौतों का आंकड़ भारत से 55.2 प्रतिशत अधिक है।
अगर पूरे विश्व में मौतों का प्रतिशत देखा जाए तो विश्व में यह औसत 6.13 प्रतिशत है और भारत में इस समय 2.80 प्रतिशत है जो पूरे विश्व में सबसे कम है। अगर प्रति लाख आबादी के हिसाब से कोरोना मौतों का आंकड़ देखा जाए तो पूरे विश्व में यह 4.9 प्रतिशत है लेकिन भारत में यह मात्र 0.41 प्रतिशत प्रति लाख है और बेल्जियम जैसे देश में यह दर 82.9 प्रतिशत प्रति लाख है।
आईसीएमआर ने पिछले दो माह से कोरोना परीक्षण की क्षमता बढ़ने पर लगातार ध्यान दिया है और अब हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना की परीक्षण सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। इस समय देश में 711 प्रयोगशालाएं कोरोना की जांच मे लगी हैं। मार्च माह में हमारी टेसि्टंग क्षमता 20 से 25 हजार प्रतिदिन की थी जो अब बढ़कर सवा लाख प्रतिदिन हो गई है। सरकार अब कोरोना की जांच के लिए ट्रूनेट प्लेटफार्म का इस्तेमाल कोरोना की जांच के लिए कर रही है। यह तपेदिक के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था और यह कोरोना के लिए कंफर्मेटरी टेस्ट है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला स्तर के अस्पतालों में उपलब्ध है। इससे टेसि्टंग की क्षमता बढ़ गई है।
इसकी सबसे बड़ खूबी है कि इसमें ‘बॉयो सेफ्टी’ की कोई अधिक जरूरत नहीं है। इसके अलावा जीन एक्सपर्ट प्लेटफार्म से टेस्ट करने की प्रकिया भी शुरू कर दी गई है और इसके लिए नई मशीन भी आर्डर की गई है। यह भी जिला स्तर पर उपलब्ध है। देश में भारतीय आरएनए एक्सट्रेक्शन किट्स काफी संख्या में उपलब्ध हैं। देश में कोरोना के संक्रमण का पता लगाने के लिए सीरो सर्वेक्षण किया जा रहा है और यह देश के 71 जिलों में जारी है। इसके नतीजे इस हफ्ते या अगले हफ्ते तक आ जाने की उम्मीद है।