IAS और IPS सरकारी नौकरी के सबसे बड़े पद होते हैं। इन पदों को हासिल करने के लिए कठोर तपस्या करनी पड़ती है। आज इस युग में हर कोई इन पदों पर आसीन होना चाहता है। इन पदों पर बैठने के लिए यूपीएससी का सामना करना होता है। यूपीएससी को क्लियर करने के लिए कई परीक्षाओं को पास करना पड़ता है। यानी इन पदों को हासिल करना आसान बात नहीं होती। जो विधार्थी इन पदों की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए अच्छी खबर है।
दरअसल, सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद में बताया कि विभिन्न राज्यों में एक जनवरी 2022 की स्थिति के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1,472 और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 864 पद रिक्त हैं। कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने उच्च सदन में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
बढ़ाई गई वार्षिक भर्ती संख्या
उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों की इष्टतम भर्ती को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बासवान समिति की सिफारिशों के आधार पर वर्ष 2012 से सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आईएएस अधिकारियों की वार्षिक भर्ती संख्या को बढ़ाकर 180 किया है। सिंह ने कहा कि समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि 180 से अधिक किसी भी संख्या के कारण गुणवत्ता से समझौता होगा। उसने कहा कि यह संख्या लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) की क्षमता से अधिक होगी तथा इससे आईएएस अधिकारियों विशेष रूप से भारत सरकार में वरिष्ठ पदों के करियर पिरामिड में विकृति उत्पन्न होगी।
खाली हैं इतने पद
उन्होंने कहा कि 2020 से सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आईपीएस के लिए भर्ती किए जाने वाले पदों की संख्या बढ़ाकर 200 की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘दिनांक एक जनवरी 2022 तक की स्थिति के अनुसार, विभिन्न राज्यों में आईएएस में 1472 तथा आईपीएस) में 864 रिक्तियां हैं।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिक्तियों का उत्पन्न होना तथा उनका भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का यह प्रयास है कि संवर्गों में रिक्तियों को भरा जाए। संघ लोक सेवा आयोग प्रत्येक वर्ष आईएएस तथा आईपीएस श्रेणी में सीधी भर्ती के आधार पर रिक्तियों को भरने के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।’’