कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी का कहर पूरी दुनिया में बरकरार है। वायरस के फैलाव को रोकने के लिए दुनिया के लगभग हर देशों में लॉकडाउन लागू है। वहीं लॉकडाउन के बीच दुसरे देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का सिलसिला भी तेज हो चुका है। वंदे भारत मिशन के तहत विदेश में फंसे भारतीयों को लाने का क्रम गुरुवार से शुरू हुआ है। वंदे भारत मिशन के तहत पहले दो दिन में 17 बच्चों समेत 1,458 भारतीय स्वदेश लौटे हैं।
इस मिशन की शुरुआत 07 मई को की गयी थी और पहले दिन एयर इंडिया एक्सप्रेस की दो उड़ानों में संयुक्त अरब अमीरात से नौ शिशुओं सहित 363 लोगों की वतन वापसी हुई थी। शुक्रवार को एयर इंडिया की दो और एयर इंडिया एक्सप्रेस की चार उड़ानों में आठ शिशुओं समेत 1,095 भारतीयों को देश वापस लाया गया। बता दें कि विदेश से आए सभी भारतीयों की एयरपोर्ट पर कोरोना जांच की जाती है। यात्रियों के आते ही सबसे पहले थर्मल स्कैनर के माध्यम से जांच की गयी । इसके बाद उन्हें स्वास्थ्य सहायता डेस्क के पास भेजा गया।
यहां उन्हें इस बात की सूचना दी जाती है कि कैसे वे खुद से कुछ समय के लिए क्वारंटाइन के नियमों का पालन करेंगे। प्रोटोकॉल के अनुसार लक्षण वाले लोगों को तुरंत एक अलग क्षेत्र में ले जाया जाएगा और प्रारंभिक औपचारिकताओं के बाद उन्हें नजदीकी राजकीय अस्पताल में भेजा जाएगा। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को अपने घर पर ही क्वारंटाइन होने की अनुमति है। सभी यात्रियों के सामान को उन्हें सौंपने से पहले अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जाता है।
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सभी को राज्य के कोरोना केयर सेंटर्स में 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रहना होगा। बता दें कि केंद्र सरकार सात मई से 13 मई तक खाड़ी देशों, सिंगापुर, अमेरिका और ब्रिटेन में फंसे नागरिकों के लिए 64 विमानों का संचालन करेगी। कोच्चि के एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों ने चार पायलट समेत एयरलाइन के 12 कर्मचारियों को पीपीई, संक्रमण नियंत्रण नियमों का पालन करने का प्रशिक्षण दिया है। विमानों के परिचालन से पहले और गंतव्य स्थल पर पहुंचने के बाद उसे संक्रमण मुक्त करने के लिए एआईइ ने केंदीय भंडारण निगम से करार किया है।