लुधियाना-अमृतसर : दशमेश पिता के परिवार के सदस्यों के खिलाफ टिप्पणी करने वाले नीलधारी संप्रदाय के बाबा सतनाम सिंह पिपली वालों को ज्ञानी गुरबचन सिंह की अध्यक्षता में आज हुई पंज सिंह साहिबान की बैठक में माफ कर दिया गया। जत्थेदारों ने इस कोशिश की पहल पहले भी 4 अप्रैल 2017 को हुई बैठक में की थी किंतु उस वक्त तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह ने उस हुकमनामे पर हस्ताक्षर करने से यह कहकर इंकार कर दिया था कि पहले बाबा सतनाम सिंह स्वयं जत्थेदारों के सामने पेश हो और अपना पक्ष रखें हालांकि 4 अप्रैल को हुई बैठक में ज्ञानी गुरबचन सिंह ने पंज सिंह साहिबान द्वारा बाबा सतनाम सिंह की तरफ से भेजे गए स्पष्टीकरण को परवान करने का ऐलान किया था
परंतु ज्ञानी गुरमुख सिंह द्वारा सार्वजनिक तौर पर आपित्त उठाने के बाद ऐलान वापिस लिया। आज हुई बैठक में ज्ञानी गुरबचन सिंह के अतिरिक्त ज्ञानी इकबाल सिंह, ज्ञानी हरप्रीत सिंह, श्री दरबार साहिब के मुख्य हैड ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह- लुधियाना , श्री अकाल तख्त साहिब के मुख्य ग्रंथी इकबाल सिंह शामिल हुए जबकि बाबासतनाम सिंह पिपली वाले स्वयं पेश हुए। जिक्रयोग है कि सरबत खालसा द्वारा नियुक्त जत्थेदार सिंह साहिबान ने बाबा सतनाम सिंह पिपली वालों को इसी दोष के तहत पंथ से छेका हुआ है।
हरिद्वार स्थित गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी के संबंध में आज पंज सिंह साहिबान की श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में बैठक हुई। जिसमें अलग-अलग सिख पंथ के प्रतिनिधियों, संप्रदाय और संत सभाओं के साथ बैठक की गई। इस विशेष बैठक के दौरान इस मामले को आगे ले जाक र हल करने के लिए 15 सदस्य कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी गुरूद्वारा साहिब की पुर्न स्थापना के साथ-साथ समूची रूपरेखा तैयार करने का काम भी करेंगी। इस कमेटी के कनवीनर शिरोमणि कमेटी के अतिरिक्त सचिव बीजै सिंह को बनाया गया है।
गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी को प्राप्त करने के लिए बनाई गई इस विशेष कमेटी में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान, दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जत्थेदार तख्त श्री हरिमंदिर साहिब जी पटना साहिब, जत्थेदार तख्त सच्चखंड श्री हुजूर साहिब, प्रधान चीफ खालसा दीवान, मुखी दमदमी टकसाल, मुखी निहंग बुडढ़ा दल, मुखी निर्मले संप्रदाय, मुखी उदासी संप्रदाय, मुखी नीलधारी संप्रदाय पिपलीवाले, प्रधान सेवापंथी संप्रदाय, नानकसर संप्रदाय, कारसेवा संप्रदाय, सिख मिशनरी कॉलेज और गुरू गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है।
– सुनीलराय कामरेड