भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इसका खंडन किया है कि कुछ किसान बॉर्डर छोड़ कर घर जाना चाहते हैं। वो उन खबरों पर टिप्पणी कर रहे थे जिनमें कहा गया था कि 32 संगठन घर वापसी करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अफवाहें फैला कर किसानों को भटकना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी वापस लौटकर गया, तो अपने गॉंव में लोगों को क्या जवाब देगा?
अभी किसानों के और भी मुद्दे हैं
उनके अनुसार 4 दिसम्बर को होने वाली किसान संयुक्त मोर्चा की बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि किसान संयुक्त मोर्चे को एकसाथ रहना चाहिए और बिना मोर्चे की अनुमति के कोई भी वक्तव्य नहीं देना चाहिए । टिकैत का कहना है कि सरकार बात ही नहीं करना चाहती। जब उनसे पूछा गया कि अब जब सरकार ने कृषि बिल वापस ले लिया है तो क्या अभी भी आंदोलन खत्म न करना किसी तरह का ब्लैकमेल नहीं है, इस पर टिकैत ने कहा कि अभी किसानों के और भी मुद्दे हैं , जिन पर कोई बात नहीं हुई है।
आंदोलन के दौरान लगे सभी मुकदमे वापस लिए जाएँ
उन्होंने कहा कि किसान क्या घर छोड़ बॉर्डर पर मुकदमे लड़ने आया था? उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि किसानों के खिलाफ आंदोलन के दौरान लगे सभी मुकदमे वापस लिए जाएँ । उन्होंने कहा, किसानों के 150 टैक्टर टूट चुके हैं। क्या देश का प्रधानमंत्री उन्हें नहीं दे सकता, वो भी जब वो इतने मजबूत प्रधानमंत्री हैं। जब कांग्रेस के नारायणदत्त तिवारी मुख्यमंत्री थे तब मुजफ्फरनगर में हुए आंदोलन में जो भी नुकसान हुआ था, उन्होंने किसानों को दिया था। जब कांग्रेस दे सकती है तो भाजापा क्यों नहीं ? एक बार प्रधानमन्त्री कह दें कि हम नहीं दे सकते, आप कांग्रेस से मांग लो। इसके साथ ही उन्होंने किसानों के नुकसान की भी भरपाई की मांग की है।