सरकार ने निजी क्षेत्र की इकाइयों को डेयरी, पोल्ट्री और मांस प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना करने के लिए कर्ज पर तीन प्रतिशत तक की ब्याज सहायता प्रदान करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के एक नए आधारभूत ढांचा कोष (इंफ्रास्ट्रक्चर फंड) बनाने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मंत्रिमंडल द्वारा 15,000 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दी गई है जो सभी के लिए होगा तथा यह दूध उत्पादन बढ़ाने, निर्यात बढ़ाने और देश में 35 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगा।’’
पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नया बुनियादी ढांचा कोष 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आर्थिक पैकेज का हिस्सा है, जिसकी घोषणा कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए लगाये गये ‘लॉकडाऊन’ के कारण प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार, हम डेयरी, पोल्ट्री और मांस के लिए प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए निजी कारोबारियों को तीन प्रतिशत तक की ब्याज सहायता देंगे।’’
50 हजार रुपए तक मुद्रा लोन लेने वालों को दी बड़ी राहत, ब्याज में मिली छूट
वहीं, कैबिनेट और कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक मुद्रा लोन के तहत शिशु लोन लेने वालों को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी प्रमुख योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत शिशु कर्ज श्रेणी के कर्जदाताओं को 2 प्रतिशत ब्याज सहायता देने को मंजूरी दी।
शिशु श्रेणी के अंतर्गत लाभार्थियों को 50,000 रुपये तक कर्ज बिना किसी गारंटी के दिया जाता है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएमएमवाई के तहत शिशु कर्ज श्रेणी के कर्जदाताओं को 2 प्रतिशत ब्याज सहायता देने को मंजूरी दी है।
पात्र कर्जदाताओं को 31 मार्च 2020 तक के बकाया ऋण पर ब्याज सहायता 12 महीने के लिये मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को पीएमएमवाई की शुरूआत की थी।
इसके तहत 10 लाख रुपये तक का कर्ज लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों को दिया जाता है। मुद्रा कर्ज के नाम से चर्चित यह ऋण वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, छोटी राशि के कर्ज कर्ज देने वाले संस्थान (एमएफआई) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां देती हैं।