कोरोना वायरस महामारी ने पूरे विश्व में तबाही मचा रखी है। इससे बचाव का एक मात्र रास्ता वैक्सीनेशन है। अब तक यह जानलेवा वायरस हजारों लोगों की जान ले चुका है। ऐसे में जान बचाने के लिए हम सामाजिक दूरी, मास्क, सैनिटाइजर और सबसे महत्वपूर्ण कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी कड़ी में देशभर में 21 जून यानी आज से केंद्र सरकार हर राज्य में 18 साल से ऊपर की आयु के सभी नागरिकों को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन मुहैया कराएगी।
कोरोना वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 फीसदी हिस्सा भारत सरकार खुद ही खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। वहीं, भारत में बन रही वैक्सीन में से 25 फीसदी प्राइवेट सेक्टर के हॉस्पिटल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी। इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये घोषणा की थी। गौरतलब है कि कई राज्य सरकारों का सुझाव था कि स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर सीधे वैक्सीन की खरीद और उन्हें अपनी प्राथमिकता के अनुसार देने के लिए लचीलेपन की अनुमति राज्य सरकारों को दी जाए। इसके बाद भारत सरकार ने दिशानिर्देशों को संशोधित किया।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 18 साल से ऊपर के सभी नागरिकों के लिए राज्यों को मुफ्त टीके मुहैया कराएगा। केंद्र वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत खरीदेगा और राज्य सरकारों को मुफ्त देगा। जिस कारण से किसी भी राज्य सरकार को कोरोना वैक्सीन पर किसी प्रकार का कोई भी खर्च नहीं करना पड़ेगा। देश में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को 21 जून यानी आज से सरकारी सुविधाओं पर मुफ्त टीके लगेंगे। हालांकि, कई राज्य पहले से ही 18-44 आयु वर्ग के सभी लोगों को मुफ्त टीके दे रहे थे।
केंद्र द्वारा वैक्सीन की खुराक जनसंख्या, बीमारी के बोझ और टीकाकरण की प्रगति जैसे फैक्टर्स के आधार पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित की जाएगी। प्राइवेट अस्पताल को 25 फीसदी टीके सीधे निर्माताओं से खरीदने की अनुमति जारी रहेगी। निजी अस्पतालों का सेवा शुल्क टीके के निर्धारित मूल्य से अधिक प्रति खुराक 150 रुपये रहेगा। इसकी निगरानी का काम राज्य सरकारों के पास रहेगा। राज्य नागरिकों द्वारा प्री बुकिंग की सुविधा के लिए जनरल सर्विस सेंटर और कॉल सेंटरों का बेहतर उपयोग कर सकते हैं।