सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार की 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में खुद को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सीबीआई को सोमवार को नोटिस जारी किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अशोक भूषण एवं न्यायमूर्ति अशोक कौल की पीठ ने कुमार की जमानत याचिका पर भी नोटिस जारी किया।
हाई कोर्ट ने 17 दिसंबर के अपने फैसले में कुमार को ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसी फैसले के अनुरूप 73 वर्षीय कुमार ने 31 दिसंबर, 2018 को एक निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। कुमार को दिल्ली छावनी के राज नगर पार्ट-1 इलाके में एक-दो नवंबर, 1984 को पांच सिखों की हत्या करने तथा एक गुरुद्वारा जलाए जाने के मामले में दोषी ठहराया गया एवं सजा सुनाई गई।
जानकारी के मुताबिक जेल परिसर की जेल संख्या 14 के वार्ड संख्या एक में बंद सज्जन कुमार ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं और जब से जेल में आए हैं, ज्यादातर चुप हैं। एक सूत्र ने कहा, "वह रात फर्श पर सोए लेकिन उन्हें रात को अच्छे से नींद नहीं आई। सुबह भी उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं खाया और किसी से कोई बात नहीं की।"
यह मामला 1984 दंगों के दौरान एक-दो नवम्बर को दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पालम कॉलोनी में राज नगर पार्ट-1 क्षेत्र में सिख परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे में आगे लगाने से जुड़ा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे।