कर्नाटक के दो निर्दलीय विधायकों आर. शंकर और एच.नागेश ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल अपनी याचिका को वापस ले लिया।
दायर याचिका में विधायकों ने शीर्ष न्यायालय से मांग की थी कि वह विधानसभा अध्यक्ष को सदन में तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने को लेकर दिशा निर्देश प्रदान करे।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने याचिका को मंजूर कर लिया, लेकिन विधायकों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के अदालत में पेश नहीं होने पर सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई।
अदालत ने कहा कि जब मामले में तुरंत सुनवाई की जरूरत होती है तो हर कोई आने में सक्षम होता है।
पीठ ने बुधवार को कहा था कि वह केवल दो पक्षों के वरिष्ठ वकीलों मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी की मौजूदगी में आदेश पारित करेगी। सुनवाई के लिए रोहतगी और सिंघवी बुधवार को मौजूद नहीं थे।
हालांकि सिंघवी गुरुवार को न्यायालय में पेश हुए और कहा कि निर्दलीय विधायकों की याचिका वापस लिए जाने की अर्जी का वह विरोध नहीं कर रहे हैं।