राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश में विश्व स्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 20 उच्च शिक्षा संस्थानों को विकसित करने का फैसला किया गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंदमंगलवार को पुणे में सिम्बायोसिस अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री कोविंद ने कहा कि भारत पूर्व में शिक्षा के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध था। उन्होंने कहा कि हम सब के लिए यह गर्व की बात है, भारत एक प्रमुख शिक्षा का केन्द, रहा है। तक्षशिला से लेकर नालंदा तक इस उपमहाद्वीप के सदियों पुराने विश्वविद्यालयों ने एशिया ही नहीं एशिया के बाहर से आने वाले छात्रों को लिए शिक्षा का केन्द था।
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आज के आधुनिक दौर में भी हमारे विश्वविद्यालयों में पड़सी देशों और अफ्रीका जैसे महाद्वीप, जिनके साथ हमारे विशेष संबंध रहे हैं समेत कई देशों के प्रतिभावान युवा शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
श्री कोविंद ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि 146 देशों से आए 46,144 विदेशी छात्र देश के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें सिम्बायोसिस बड़ भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि सिम्बायोसिस में 1000 से ज्यादा विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं। विश्वविद्यालय से स्नातक बनकर निकलने वाले छात्रों में से 329 भारत के अलावा 33 अन्य देशों से हैं। उन्होंने कहा कि यह सिम्बायोसिस को विविध संस्कृति और विभिन्न महानगरों की जीवन शैली से जुड़ माहौल प्रदान करता है जो विभिन्न देशों के बीच सौहार्द को बढ़वा दे रहा है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत में 903 विश्वविद्यालय और 39050 कॉलेजों का बडा नेटवर्क है लेकिन इसके बावजूद शिक्षा की विश्वस्तरीय गुणवत्ता हासिल करने के लिए इसमें सुधार करने की आवश्यकता है।
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इसलिए सरकार ने देश के 20 उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रतिष्ठित संस्थाओं के रूप में विकसित करने का फैसला किया है। इसके तहत इन संस्थाओं को नियुक्तियां करने और पाठ्यक्रम तय करने का अधिकार दिया जाएगा ताकि वे विश्वस्तरीय शिक्षा मानकों को हासिल कर सकें।
श्री कोविंद ने इस अवसर पर सिम्बायोसिस के प्रशासनिक अधिकारियों, प्रोफेसरों, छात्रों और पूर्व छात्रों से सिम्बायोसिस में कम से कम एक ऐसी प्रतिष्ठित संस्था बनाने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर लद्दाख के गौरव शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक जो कि प्रसिद्ध फिल्म‘3 इडियट््स’बनाने के प्रेरणा ह्मोत भी हैं उन्हें आज डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर की मानक डिग्री प्रदान की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत का राष्ट्रपति होने के नाते मैं पूरे देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों का दौरा कर वहां के विद्यार्थियों से मुलाकात और बात करता हूँ। अभी तक जो देखने में मिला है कि शिक्षा में लडकियां, लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। इसी विश्वविद्यालय में नौ गोल्ड मेडल में से छह गोल्ड मेडल लड़कियों को मिला है। समाज के लिए यह एक खुशी का निशान है। मैं पूरे सिंबॉयसिस परिवार को धन्यवाद देता हूँ।
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राष्ट्रपति ने छात्रों को इंगित करते हुए कहा कि आपकी शिक्षा और अधिक जिम्मेदारी देती है और यह जिम्मेदारी है निचले पायदान पर खडे लोगों की मदद करना। आप यह काम कैसे करेंगे यह पूरी तरह आप पर निर्भर है। लेकिन ध्यान रहे कि आपकी नागरिकों के प्रति सहानुभूति आपके डिग्री और छात्रवृत्ति की परीक्षा की तरह है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पुणे का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को याद किया। इसके अलावा न्यायाधीश एम जी रानाडे, गोपाल कृष्ण गोखले, स्वतंत्रता सेनानी वासुदेव बलवंत फडके और बाल गंगाधर तिलक को भी याद किया जिन्होंने कमजोर तबके के लोगों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में महान योगदान दिया।