यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेजे जाने के बाद उनके खिलाफ जांच में 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश, 44 महंगी पेटिंग और एक दर्जन से कथित कंपनियां शक के दायरे में हैं। राणा कपूर को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रविवार को गिरफ्तार कर ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी को जांच के समय कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जो बताते हैं कि कपूर परिवार के लंदन में कुछ संपत्ति हैं। अब उस संपत्ति की खरीद के लिए इस्तेमाल हुए कोष के स्रोत की जांच की जा रही है। ईडी एक कंपनी द्वारा कथित रूप से प्राप्त 600 करोड़ रुपये के कोष के मामले में कपूर, उनकी पत्नी तथा तीन बेटियों के खिलाफ जांच कर रहा है। जिस कंपनी को यह राशि मिली, उसका नियंत्रण कथित रूप से उनके द्वारा नियंत्रित थी।
11 मार्च तक ED की हिरासत में भेजे गए Yes Bank के संस्थापक राणा कपूर
कंपनी को यह राशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) से जुड़ी इकाई से मिली थी। कपूर से जुड़ी कंपनी डीओआईटी अरबन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लि. कथित रूप से यह कोष प्राप्त किया। यह कोष उस समय प्राप्त किया गया जब 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज डीएचएफएल को दिया गया था। डीएचएफएल के खिलाफ कथित वित्तीय अनियमिततताओं को लेकर जांच जारी है।
सूत्रों के अनुसार बैंक ने फंसे कर्ज (एनपीए) की वसूली को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। एजेंसी को संदेह है कि 600 करोड़ रुपये का कोष कथित रिश्वत का हिस्सा हो सकता है। यह राशि एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने के लिए उस कंपनी को मिली जिसका नियंत्रण कपूर परिवार के पास था। अधिकारियों ने कहा कि ईडी छापे के दौरान मिली अपराध की राशि पर ध्यान रही है।
छापे के दौरान राणा कपूर उनकी पत्नी बिंदु कपूर तथा तीनों बेटियों के आवासों की भी तलाशी ली गई। जांच के दौरान परिवार द्वारा 2,000 करोड़ रुपये का निवेश तथा एक दर्जन से अधिक मुखौटा कंपनियों के बारे में जानकारी मिली। इन मुखौटा कंपनियों का उपयोग कथित रिश्वत की हेराफेरी के लिए किया जाता था। इसके अलावा परिवार के पास 44 महंगी पेंटिंग भी मिले। इनमें से कुछ पेंटिंग कथित तौर पर राजनेताओं से खरीदा गया था।