जैसे ही रात को अचानक 2000 के नोट के सर्कुलेशन बंद होने की बात सामने आई तबसे ही लोगों में अफरा तफरी मच गई की अब 2000 के नोट को कैसे बदला जाएगा इसके अलावा भी कई तरह के सवाल जनता के मन में चलने लगे। फिर आरबीआई ने सबको इसकी जानकारी दी।और कह 30 सितंबर 2023 के बाद इसे बदला नहीं जा सकेगा। इसलिए लोग परेशान है। बता दें 2000 रुपये के नोट को साल 2016 में 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट को बंद करने के बाद जारी किया गया था। ये कोई पहली नोटबंदी नहीं है । इससे पहले भी जब नोट बंदी हुई थी तो लोगों को काफी परेशान होना पड़ा था इसलिए कई लोग 2000 के नोट को लेकर निराश है। इन सबके बीच आज हम आपको ये बताने वाले है कि कब कब नोटबंदी हुई।
1946 में बंद हुए थे 500, 1000, 5000 के नोट
देश में पहली बार नोटबंदी आजादी से पहले ही कर दी गई थी। भारत के वायसराय और गर्वनर जनरल सर आर्चीबाल्ड ने 12 जनवरी 1946 को हाई करेंसी वाले बैंक नोटों का डिमोनेटाइज करने का आदेश दिया था। इसके 13 दिन बाद 26 जनवरी 12 बजे के बाद ब्रिटिश काल में जारी 500 रुपये, 1000 रुपये और 10000 रुपये के नोटों की वैधता खत्म की गई थी। वहीं इतिहासकारों के मुताबिक, व्यापरियों के विदेशों से मुनाफा की चोरी सरकार से कर रहे थे। जिसकी वजह से सरकार ने 100 से ज्यादा के नोट को बंद कर दिया था।
1946 में 1000 और 10 हजार के नोट बंद किए गए
इसी तरह रिजर्व बैंक की ओर से 10 हजार रुपये के नोट छापे गए थे। इसके साथ ही 10 रुपये के नोट और 5 रुपये के नोट छापे गए थे। पहला पेपर नोट इसी साल 5 रुपये के छापे गए थे। 1946 में 1000 और 10 हजार रुपये के नोट बंद किए गए थे। फिर 1954 में 1000 और 5000 रुपये के नोट छापे गए। इसके बाद 5000 रुपये के नोट भी छापे गए और बाद में 1978 में इन दोनों को बंद कर दिया गया।
8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 के नोट बंद हुए
वहीं मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला लिया था। इस फैसले के बाद 2000 रुपये के नोट को जारी किया गया था। साथ ही 500 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे। सरकार का कहना था की काले धन के खिलाफ ये फैसला लिया गया । उस दौरान नोट बदलने के लिए लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था।