आज ही के दिन संसद पर हुए हमले में आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित अन्य नेताओं ने शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और सर्वोच्च बलिदान हर नागरिक को प्रेरित करता रहेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया , “मैं संसद पर हमले के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए 2001 में शहीद हुए सभी सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और सर्वोच्च बलिदान हर नागरिक को प्रेरित करता रहेगा।”
आपका अद्वितीय पराक्रम व अमर बलिदान सदैव हमें राष्ट्रसेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को नमन करते हुए ट्वीट किया , “भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में राष्ट्र के गौरव की रक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षाबलों के साहस व शौर्य को कोटिश: नमन करता हूं। आपका अद्वितीय पराक्रम व अमर बलिदान सदैव हमें राष्ट्रसेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा।”
भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में राष्ट्र के गौरव की रक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षाबलों के साहस व शौर्य को कोटिशः नमन करता हूँ।
आपका अद्वितीय पराक्रम व अमर बलिदान सदैव हमें राष्ट्रसेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा। pic.twitter.com/HyzCyPkxnF
— Amit Shah (@AmitShah) December 13, 2021
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, “देश आज उन वीर सपूतों को नमन करता है जिन्होंने 2001 में लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी कर्तव्यनिष्ठा तथा मातृभूमि के प्रति उनका समर्पण वंदनीय है। कृतज्ञ राष्ट्र उनका स्मरण करते हुए आतंकवाद के समूल विनाश के अपने संकल्प को दोहराता है।”
उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए राष्ट्र सदैव उनका आभारी रहेगा
राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं उन बहादुर सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने 2001 में आज ही के दिन एक नृशंस आतंकवादी हमले के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए राष्ट्र सदैव उनका आभारी रहेगा।।’’