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वित्तीय संकट के कारण 3 लाख छात्र एग्जाम फीस भरने में असमर्थ,लोगों के सहयोग से अभिभावक संगठन करेंगे मदद

वित्तीय संकट और माता-पिता की नौकरी छूटने के कारण, दसवीं और बारहवीं कक्षा के लगभग 3 लाख छात्र ऐसे हैं जो बोर्ड परीक्षा शुल्क का भुगतान करने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं।

वित्तीय संकट और माता-पिता की नौकरी छूटने के कारण, दसवीं और बारहवीं कक्षा के लगभग 3 लाख छात्र ऐसे हैं जो बोर्ड परीक्षा शुल्क का भुगतान करने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। अब अभिभावक संगठन ऐसे छात्रों का ब्यौरा एकत्र कर रहे हैं। प्रबुद्ध व्यक्तियों, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, संस्थाओं, व्यक्तियों द्वारा सीधे स्कूलों में इन छात्रों की बोर्ड की भरने का प्रयास किया जाएगा।
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं दिल्ली विश्वविद्यालय एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य अशोक अग्रवाल के मुताबिक ऐसे बच्चों की बोर्ड फीस सीधे स्कूल में जमा कराने की कोशिश की जा रही है। अशोक अग्रवाल ने कहा, “10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की औसत बोर्ड फीस लगभग 2500 रुपये प्रति छात्र है। जो लोग गरीब छात्रों की सीबीएसई परीक्षा शुल्क का भुगतान करके दिल्ली के दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों की आर्थिक रूप से मदद करने में सक्षम हैं, वे पास के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल से संपर्क कर सकते हैं। सरकारी स्कूलों में सीधे परीक्षा शुल्क का भुगतान किया जा सकता है।”
अशोक अग्रवाल ने कहा, “हमारे पास ऐसे लगभग 3,15,000 छात्र हैं। इन छात्रों की मदद के लिए ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से अपील भी जारी की गई है।” गौरतलब है कि प्रथम चरण की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं नवंबर व दिसंबर महीने में ली जाएंगी। 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा से पहले सीबीएसई ने भी कोरोना से प्रभावित छात्रों को राहत देने की योजना बनाई है। सीबीएसई के मुताबिक कोविड-19 महामारी के कारण जिन छात्रों के माता पिता की मृत्यु हो गई है, ऐसे छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा की फीस माफ कर दी गई है। सीबीएसई बोर्ड के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण जिन छात्रों के कानूनी अभिभावक की मृत्यु हुई है, उनसे भी बोर्ड परीक्षा की फीस नहीं ली जाएगी। सीबीएसई बोर्ड ने ऐसे सभी छात्रों की रजिस्ट्रेशन फीस भी माफ करने का निर्णय लिया है।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने इस विषय पर कहा, “कोरोना ने काफी बुरी तरह प्रभावित किया है। छात्रों पर इसके विपरीत प्रभाव के मद्देनजर बोर्ड ने मौजूदा सत्र में छात्रों को यह राहत देने का निर्णय लिया है।” संयम भारद्वाज ने कहा, “बोर्ड ऐसे छात्रों से न तो परीक्षा की फीस लेगा, न ही रजिस्ट्रेशन फीस ली जाएगी। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए छात्रों की सूची तैयार करते ऐसे सभी छात्रों का सत्यापित ब्यौरा दर्ज किया जाएगा।”
सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं के लिए लिस्ट आफ केंडिडेट (एलओसी) एकत्र करना शुरू कर दिया है। एलओसी के बाद बोर्ड 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के पहले चरण की डेट शीट की घोषणा करेगा। सीबीएसई बोर्ड फिलहाल 10वीं एवं 12वीं कक्षा के छात्रों का ब्यौरा एकत्र कर रहा है।
इस संदर्भ में सीबीएसई बोर्ड ने देशभर के स्कूलों के लिए एक नोटिस जारी किया है। नोटिस में सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि सभी स्कूलों को तय समय में छात्रों की जानकारी ‘लिस्ट ऑफ कैडिडेट्स’ यानी एलओसी बनाकर बोर्ड को भेजनी है। यह प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी।

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