केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन करने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के कार्यकाल में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में 70 प्रतिशत की कमी आई हैं। गृह मंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि, पूर्वोत्तर के 66 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) हटा लिया गया है। शाह ने कहा कि, पूर्वोत्तर और देश के वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र जनजातीय बहुल हैं और वहां विकास के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी जरूरत है।
कांग्रेस जब शासन में थी तब आठ साल में पूर्वोत्तर के राज्यों में हुई 8,700 अप्रिय घटनाएं
गृह मंत्री ने कहा, सुरक्षित पूर्वोत्तर और सुरक्षित मध्य भारत जनजातीय समुदाय के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस जब शासन में थी तब आठ साल में पूर्वोत्तर के राज्यों में 8,700 अप्रिय घटनाएं हुई थीं जबकि मोदी सरकार में यह घटकर 1,700 रह गईं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में 304 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवाई थी जबकि मोदी सरकार में यह संख्या सिर्फ 87 रही। शाह ने कहा कि देश में योजना आयोग, जो अब नीति आयोग हो गया है, भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने देश की प्रगति में अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि, ठीक इसी तरह से राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान देश के जनजातीय समुदाय के विकास में प्रमुख भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि, यह संस्थान देश की आजादी के 100 वर्षों तक के सफर में जनजातीय विकास की रीढ़ की हड्डी साबित होगी।
कांग्रेस जब शासन में थी तब आठ साल में पूर्वोत्तर के राज्यों में हुई 8,700 अप्रिय घटनाएं
गृह मंत्री ने कहा, सुरक्षित पूर्वोत्तर और सुरक्षित मध्य भारत जनजातीय समुदाय के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस जब शासन में थी तब आठ साल में पूर्वोत्तर के राज्यों में 8,700 अप्रिय घटनाएं हुई थीं जबकि मोदी सरकार में यह घटकर 1,700 रह गईं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में 304 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवाई थी जबकि मोदी सरकार में यह संख्या सिर्फ 87 रही। शाह ने कहा कि देश में योजना आयोग, जो अब नीति आयोग हो गया है, भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने देश की प्रगति में अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि, ठीक इसी तरह से राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान देश के जनजातीय समुदाय के विकास में प्रमुख भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि, यह संस्थान देश की आजादी के 100 वर्षों तक के सफर में जनजातीय विकास की रीढ़ की हड्डी साबित होगी।
जनजातीय बच्चे ओलंपिक में ला सकते हैं सर्वश्रेष्ठ पदक : शाह
शाह ने कहा कि सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय शोध और शिक्षा को शीर्ष प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, वर्ष 2014 में कांग्रेस के राज में इस उद्देश्य के लिए सात करोड़ रखे गए थे। वर्ष 2022 में हमने 150 करोड़ रुपये रखे। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि, मोदी सरकार में एकलव्य आवासीय विद्यालयों का बजट इस वित्तीय वर्ष में 278 करोड़ से बढ़ाकर 1,418 करोड़ रुपये कर दिया है।उन्होंने कहा कि, उनका मानना है कि जनजातीय बच्चे ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ पदक ला सकते हैं क्योंकि खेल जनजातीय परंपरा का हिस्सा है और ऐसे बच्चों को मार्गदर्शन, कोचिंग, अभ्यास और एक मंच की जरूरत है ताकि वे अपनी प्रतिभा को निखार सकें।
शाह ने कहा कि सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय शोध और शिक्षा को शीर्ष प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, वर्ष 2014 में कांग्रेस के राज में इस उद्देश्य के लिए सात करोड़ रखे गए थे। वर्ष 2022 में हमने 150 करोड़ रुपये रखे। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि, मोदी सरकार में एकलव्य आवासीय विद्यालयों का बजट इस वित्तीय वर्ष में 278 करोड़ से बढ़ाकर 1,418 करोड़ रुपये कर दिया है।उन्होंने कहा कि, उनका मानना है कि जनजातीय बच्चे ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ पदक ला सकते हैं क्योंकि खेल जनजातीय परंपरा का हिस्सा है और ऐसे बच्चों को मार्गदर्शन, कोचिंग, अभ्यास और एक मंच की जरूरत है ताकि वे अपनी प्रतिभा को निखार सकें।