तेल अवीव : भारत और इस्राइल ने आज गंगा सफाई, अंतरिक्ष, कृषि और जल संरक्षण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सात समझौतों पर दस्तखत किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच गहन विचार-विमर्श के बाद ये करार किए गए। दोनों देशों के बीच चार करोड़ डॉलर के भारत-इस्राइल औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास तथा तकनीकी नवोन्मेषण कोष की स्थापना के लिए सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए हैं। मोदी और उनके समकक्ष नेतन्याहू ने कहा कि इन समझौतों पर हस्ताक्षर तो एक औपचारिकता है परन्तु हमारा विश्वास अटूट है। इन समझौतों के अलावा दोनों पक्षों के बीच परमाणु घडिय़ों के क्षेत्र में सहयोग पर भी सहमति बनी है। इस यात्रा के दौरान जियो-लियो आप्टिकल लिंक और छोटे सैटेलाइट के लिए इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन के क्षेत्र में सहयोग के लिए भी अलग-अलग एमओयू किए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारा विचार है कि साथ मिलकर हमारे वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस क्षेत्र में आपसी लाभ के समाधान का विकास, निर्माण एवं क्रियान्वयन कर सकते हैं। मोदी ने कहा, औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए इस चार करोड़ डॉलर के द्विपक्षीय प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण कोष से हमें इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। जल क्षेत्र में दो समझौतों पर दस्तखत किए गए हैं। इनके तहत दोनों पक्षों जलसंरक्षण और भारत में राज्यों में सरकारी जलापूॢत निकायों के कामकाज में सुधार के लिए सहयोग करेंगे। इससे पहले भारत और इस्राइल ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में सहयोग करने के साथ-साथ क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने द्विपक्षीय बैठक के बाद यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नवाचार और प्रौद्योगिक दोनो देशों की बड़ी ताकत है जिसका इस्तेमाल दोनों मुल्कों के साथ ही पूरी दुनिया की तरक्की के लिए किया जाएगा।
श्री मोदी ने कहा कि भारत हिंसा और आतंकवाद का सामना कर रहा है और इस्राइल को भी ऐसी ही स्थितियां झेलनी पड़ी हैं। इसके मद्देनजर दोनों देशों ने अपने रणनीतिक हितों की रक्षा करने के साथ-साथ आतंकवाद और साइबर हमलों का मिलकर मुकाबला करने का फैसला किया है। श्री नेतन्याहू ने इस अवसर पर कहा, ‘हम मिलकर इतिहास बना रहे हैं।’ हम खुद को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को बदल रहे हैं। भारत और इस्राइल की यह जोड़ी ईश्वर ने बनाई है। भारत का सहयोग इस्राइल के लिए बहुत मायने रखता है। दोनों ही देश साझा हितों के हर क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। श्री मोदी ने इस्राइली प्रधानमंत्री के साथ बातचीत को बेहद सार्थक बताते हुए कहा कि उन्होंने न केवल द्विपक्षीय संबंधों बल्कि विश्व शांति और स्थिरता के लिए भी सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि दोनों देश साझा हितों और अपने लोगों के बीच एकजुटता बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे।
श्री नेतन्याहू ने इस अवसर पर मुंबई आतंकवादी हमलों का विशेष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के जिस खतरे से जूझ रहा है उसे इस्राइल समझता है और इसलिए दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि नवाचार, जल संसाधन और कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इस्राइल दुनिया के अग्रणी देशों में से है। भारत के विकास में यह प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। ऐसे में दोनों ही देशों ने जल संसाधन के तर्कसंगत इस्तेमाल,जल संरक्षण और जल शोधन और कृषि उत्पादकदा बढ़ाने में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि दोनों ही देशों का यह मानना है कि उनके वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता इस क्षेत्र में परस्पर फायदे वाले समाधान ढूंढऩे में कामयाब होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि नवाचार और प्रौद्योगिकि के क्षेत्र में परस्पर सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए दोनों देशों ने औद्योगिक विकास और अनुसंधान के वास्ते चार करोड़ डॉलर को कोष बनाने का फैसला किया है। प्रगाढ़ मित्रता के जरिए दोनों देश आपसी व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए तत्पर हैं।
श्री नेतन्याहू और मैंने इस दिशा में और अधिक सहयोग करने का फैसला किया है। दोनों मुलकों के कारोबारियों को इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभानी है। उन्होंने इस्राइल में गर्मजोशी से स्वागत किए जाने के लिए श्री नेतन्याहू का अभार जताते हुए कहा कि वह इस्राइल की असाधारण यात्रा पर आने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा ‘प्रगति के पथ पर बढऩे के हमारे रास्ते अलग रहे हैं लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों और आर्थिक उन्नति के बारे में हमारी सोच एक जैसी है।’ इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत की। इस्राइल की तीन दिन की यात्रा पर तेल अबीब पहुंचे मोदी ने पहले सीमित वार्ता के लिए नेतन्याहू से मुलाकात की। इसके बाद, मोदी ने शिष्टमंडल स्तर की वार्ता की। मोदी ने इस्राइल की अपनी इस ऐतिहासिक यात्रा की मेजबानी करने और दोनों देशों के बीच के रिश्तों का एक अहम अध्याय लिखने में अहम भूमिका निभाने पर इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू का शुक्रिया अदा किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बाग्ले ने अपने ट्वीट में बताया कि नेतन्याहू के साथ अपनी मुलाकात में प्रधानमंत्री ने कल से इस्राइल में अपने प्रवास और लोगों से अपनी मुलाकात की चर्चा की जिसने द्विपक्षीय रिश्तों के एक नए अध्याय की शुरुआत करने में विश्वास प्रतिबिंबित की।