भारत सरकार ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए दुनिया भर के 44 राजनयिक मिशनों के साथ तैनात अपने डिफेंस अताशे को स्वदेश बुलाया है। सोमवार को सरकार और डिफेंस इंडस्ट्री के बीच एक्सपोर्ट के मुद्दे पर मीटिंग होनी है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने मेक इन इंडिया और डिफेंस सेक्टर में तेजी से विकास लाने के लिए इन अधिकारियों को स्वदेश बुलाया है।
आमतौर पर मिलिट्री ऑफिसर्स के लिए अताशे के तौर पर भारतीय दूतावासों में तैनाती को आसान पोस्टिंग माना जाता रहा है। इन्हें सरकार और इंडस्ट्री के बीच बातचीत को सुनने और डिफेंस एक्सपोर्ट में तेजी लाने के लिए सुझाव देने को बुलाया गया है। डिफेंस एक्सपो के दौरान ये लोग मौजूद रहेंगे और सरकारी एवं निजी रक्षा कंपनियों के साथ बातचीत करेंगे।
इसका लक्ष्य भारतीय रक्षा सामग्री के निर्यात में तेजी लाना होगा। ये सभी लोग डिफेंस एक्सपो के दौरान सरकार और निजी रक्षा कंपनियों से बात करेंगे। पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया के तहत ये काम किया जा रहा है। इसका मकसद है कि दुनिया में डिफेंस एक्सपोर्ट के लिए नए बाजार तलाशे जाएं। हालांकि डिफेंस सेक्टर में ज्यादा हिस्सेदारी सरकारी कंपनियों की है लेकिन अब प्राइवेट संस्थानों का दखल भी इस सेक्टर में तेजी से बढ़ रहा है।
आपको बता दें कि दुनिया भर में फैले डिफेंस अधिकारियों का काम अब तक हथियारों की डीलिंग में ही होता था लेकिन अब ये अधिकारी बिक्री में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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