देश के अलग-अलग हिस्सों में भीड़ द्वारा हत्या (मॉब लिंचिंग) की घटनाएं सामने आई है। लगातार हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सरकार की तरफ से किसी भी तरह की सख्त कार्यवाही न होने को लेकर फिल्म जगत और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पूरे मामले को लेकर खत लिखा है। पत्र में मुसलमानों, दलितों और दूसरे अल्पसंख्यकों की लिंचिंग पर रोक लगाने और सख्त सज़ा की मांग की है।
खत लिखकर सभी ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सवाल खड़े किए हैं। पीएम मोदी को लिखे खत में मणिरत्नम, अदूर गोपालकृष्णन, रामचंद्र गुहा, अनुराग कश्यप जैसी हस्तियों के हस्ताक्षर हैं। खत में लिखा गया है, की जिस तरह से हाल के दिनों में धार्मिक आधार पर ऐसी घटनाएं बढ़ी है उस पर क्या किया गया? पत्र में कहा गया है कि भगवान राम का नाम लेकर देश के अलग अलग हिस्सों मे रहने वाले एक समुदाय विशेष के लोगो को डराया जा रहा है।
फिल्मकार श्याम बेनेगल, केतन मेहता, अनुराग कश्यप व मणिरत्नम, अभिनेत्री कोंकणा सेनशर्मा व अपर्णा सेन तथा इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित बहुत-सी जानी-मानी हस्तियों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है, “प्रिय प्रधानमंत्री… मुस्लिमों, दलितों तथा अन्य अल्पसंख्यकों की लिंचिंग तुरंत रोकी जानी चाहिए। हम NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो) की रिपोर्टों से यह जानकर स्तब्ध हैं कि वर्ष 2016 में दलितों के प्रति अत्याचार की कम से कम 840 वारदात दर्ज हुईं, और इनमें दोषी करार दिए जाने में निश्चित रूप से इस दौरान कमी आई”।
पत्र में ‘जय श्रीराम’ के नारे को उकसाने वाला बताया गया और कहा गया है कि इस नारे का इस्तेमाल लिंचिंग के लिए किया जा रहा है, राम का नाम देश के बहुसंख्यक समुदाय के लिए पवित्र है, देश के सर्वोच्च कार्यकारी होने के नाते प्रधानमंत्री राम के नाम के इस तरह के इस्तेमाल पर रोक लगाएं।
फिल्मनिर्माता अपर्णा सेन ने कहा, हम आज हमारे देश के लिए में चिंतित हैं। पूरे भारत में लोगों को मारा जा रहा है, क्यों? विभिन्न धर्मों के लोगों को ‘जय श्री राम’ कहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। देश में अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। किसी को भी किसी भी हस्ताक्षरकर्ता को देश-विरोधी के रूप में ब्रांड करने का अधिकार नहीं है। हम अपनी आवाज उठा रहे हैं क्योंकि हमारे देश का धर्मनिरपेक्ष तानाबाना बर्बाद हो रहा है।