उत्तर प्रदेश की 8 महत्वपूर्ण सीटों पर मतदान हो रहा है और अब तक की खबर के अनुसार भारी संख्या में मतदाता वोटिंग के लिए आ रहे है। उत्तर प्रदेश में इस बार के चुनाव में हालात 2014 से बहुत अलग है और इस बार बीजेपी को पांच फ़ैक्टरों का सामना करना पड़ेगा जो पिछले लोकसभा चुनाव में नहीं थे। तो आईये जानते है बीजेपी को इस बार क्या पांच चीजें परेशान कर सकती है।
1. बीते साल आम चुनाव से ठीक पहले मुज्जफ्फरनगर दंगों ने जातीय समीकरणों में भरे उथल पुथल मचा दी थी जिस वजह से वोटर सांप्रदायिक मुद्दों पर बंट गए थे। जाटों और मुस्लिमों के बीच तनाव था तो वहीँ गुज्जर और जाटव समाज भी आमने सामने थे। इस बात स्थिति बहुत अलग है।
2. बीते लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार चौधरी अजीत सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी मजबूती से जाटों और मुसलमानों को एक साथ लाने में कामयाब रहे है जो भाजपा के लिए चुनौती पेश कर सकते है।
3. बीतेलोकसभा चुनाव में आम जनता के बीच अखिलेश सरकार को लेकर रोष था और सत्ता में परिवर्तन की मांग थी जिसका फायदा सीधे सीधे बीजेपी को हुआ। लेकिन इस बार बीजेपी को दोहरी विरोधी लहर झेलनी पड़ सकती है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार से बहुत लोग नाराज है जो बीजेपी के लिए नुक्सान दे सकता है।
4. सबसे बड़ा चैलेंज बीजेपी के सामने ये है की इस बार पूरा विपक्ष उनके खिलाफ एकजुट होकर लड़ रहा है जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन और बसपा का अकेले लड़ना बीजेपी को फायदा पहुंचा गया था। इस बार बसपा और सपा एक साथ चुनाव लड़ रहे है।
5. बीते चुनाव में भाजपा ने करीब करीब सभी नए चेहरे उतारे थे और लोगों को एक बदलाव की उम्मीद थी। इस बार बीजेपी की आपसी कलह भी खुलकर सामने आ रही है जो चुनाव में मतदाता को सोचने पर मजबूर कर सकती है।