लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निष्कासित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पार्टी सुप्रीमो मायावती पर 50 करोड रूपये मांगने का आरोप लगाते हुये कहा कि रकम जुटाने में असर्मथता जताने पर उन्हें और उनके पुत्र को बेइज्जत कर निकाल दिया गया।
श्री सिद्दकी ने आज अपने आवास पर खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में अपनी दलील को पुख्ता करने के लिये मायावती से टेलीफोन पर हुयी बातचीत की रिकार्डिंग के कुछ अंश सुनाये और दावा किया कि बसपा अध्यक्ष की करतूतों को बयां करने के लिये उनके पास ऐसी बातचीत की 150 से ज्यादा रिकार्डेड सीडी हैं।
उन्होंने कहा कि बातचीत की रिकार्डिंग का खुलासा करने पर भूचाल आ जायेगा। उनकी हत्या भी हो सकती है। उनके रिश्तेदारों पर भी भविष्य में हमला हो सकता है। उनके घर में आग लगायी जा सकती है। बसपा के पूर्व महासचिव ने कहा कि मायावती ने बाहरी लोगों के कहने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की।
पार्टी फंड के नाम पर मायावती ने उन्हें 50 करोड रूपये अधिकारियों और रिश्तेदारों से जुटाने के निर्देश दिये थे। इतनी बडी रकम न/न जुटने की दशा में उन्होंने बच्चों की प्रापर्टी को भी बेचकर रकम देने को कहा था। इस रकम के लिये बसपा अध्यक्ष ने उन्हें कई बार फोन किया। प्रत्याशियों से भी पैसा उगाहने को कहा। असमर्थता जताने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी। श्री सिद्दीकी ने कहा कि उनको और उनके बेटे को गलत तथ्यों के आधार पर पार्टी से निकाला गया। यह सब पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा के इशारे पर हुआ।
उनके खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) जांच में कोई शिकायत नहीं मिली थी। जांच में मिली अवैध संपत्ति मायावती, सतीश चन्द्र मिश्रा और आंनद कुमार की है। सतीश चन्द्र मिश्रा ने साजिश करके उनकी जांच करवायी। सतीश मिश्रा एंड कंपनी बसपा को खत्म करना चाहती है और इसके लिये वह उनकी राह में रोडा बने हुये थे। बसपा अध्यक्ष पर मुसलमानों को गद्दार कहने का आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा, ”मायावती ने मुझसे पूछा था कि मुसलमानों ने बसपा को वोट क्यों नहीं दिए।
इसके बाद उन्होंने मुस्लिमों को दाढ़ी वाले कहते हुए और भी गलत शब्द कहे। मैंने इसका विरोध किया था।” श्री सिद्दीकी ने कहा, ”हार के बाद मुझे मायावती ने बुलाया। मेरे बेटे पर आरोप लगाए। मायावती ने मुझे हार की वजह बताने के लएि कहा था। मैंने मायावती से कहा कजिंनि कांशीराम ने आपको राजनीत सिंखिाई, आप अपने को उनसे बड़ा मानने लगीं। इस पर वो नाराज हो गईं।
कहा कि मैं आपके खलिाफ कार्रवाई करूंगी तो मैंने कहा- कर दीजएि।” बसपा से निष्कासित नेता ने कहा कि 34 साल तक उन्होंने खून पसीने से पार्टी को सींचा। मायावती का रवैया हमेशा तानाशाही भरा रहा। सतीश मिश्रा से 20 साल पहले से वह बसपा में थे मगर सतीश मिश्रा एंड कंपनी ने बसपा को कैप्चर कर लिया। बसपा को जानबूझ कर खत्म किया जा रहा है ताकि सिर्फ मायावती का नाम रहे।
– (वार्ता)