कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों को गुरुवार को सदन का अपमान करने और घोर कदाचार करने के मामले में मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सदस्यों गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को निलंबित करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। पीठासीन सभापति ने मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘‘जिन माननीय सदस्यों को निलंबित किया गया है वे तुरंत बाहर चले जाएं।’’
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इससे पहले पीठासीन सभापति लेखी ने अपराह्न तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कहा, ‘‘आज दोपहर सदन में चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों ने सभा की कार्यवाही से संबंधित आवश्यक कागज अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक छीन लिये और उछाले गये। संसदीय इतिहास में ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संभवत: पहली बार हुआ है जब अध्यक्ष पीठ से कार्यवाही से संबंधित पत्र छीने गये। मैं इस आचरण की घोर निंदा करती हूं।’’ उन्होंने संसदीय प्रक्रिया नियमों के नियम 374 के तहत उक्त सदस्यों को नामित किया।
बता दें लोकसभा में सोमवार को सत्तापक्ष और कांग्रेस के सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की की घटना की पृष्ठभूमि में अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को एक अहम घोषणा की थी । उन्होंने कहा कि सदन में कोई भी सदस्य शोर शराबा एवं प्रदर्शन करते हुए यदि दूसरे पक्ष की सीटों की तरफ जाएगा तो उसे शेष पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। उन्होंने सदन में प्लेकार्ड लाने की भी अनुमति नहीं देने की घोषणा की थी।