भारतीय वायुसेना में दुनिया के सबसे खतरनाक अपाचे हेलिकॉप्टर के शामिल होने से देश की सैन्य ताकत और भी बढ़ गई है। भारत अपाचे हेलीकॉप्टरों का संचालन करने वाला दुनिया का 16 वां राष्ट्र है। वायुसेना की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए 8 अमेरिका निर्मित ‘अपाचे एएच-64ई’ लड़ाकू हेलीकॉप्टर को शामिल किए गए।
पठानकोट एयर बेस में शामिल होने से पहले अपाचे हेलिकॉप्टरों को वाटर तोप की सलामी दी गई। पठानकोट एयर बेस पर अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर को वायुसेना में शामिल करने से पहले ‘पूजा’ की गई। इस दौरान एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल आर नांबियार मौजूद रहे। बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने अपाचे हेलीकॉप्टर की चाबी एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ को सौंपते दी है।
इस दौरान एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा, यह दुनिया के सबसे भयंकर हमले वाले हेलीकॉप्टरों में से एक है। यह कई मिशनों को करने में सक्षम है, आज अपाचे एएच -64 ई के शामिल होने के साथ भारतीय वायु सेना ने अपनी सूची को हमले के हेलीकाप्टरों की नवीनतम पीढ़ी में उन्नत किया है।
बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा, 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों में से पहले 8 हेलीकॉप्टर जो भारतीय वायुसेना में शामिल हुए हैं। ये एएच -64 ई संस्करण हैं, अमेरिकी सेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले समान संस्करण हैं। इन अपाचे हेलीकॉप्टरों में नई तकनीके मौजूद है।
अपाचे एएच-64ई दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल करती है। आईएएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर आईएएफ में शामिल होने जा रहे हैं, जो बल की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे।’’
आईएएफ ने ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्बर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था। इसके तहत बोइंग ने 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टर में से पहले चार हेलीकॉप्टर दिए गए थे। कई अरब डॉलर का अनुबंध होने के करीब चार वर्ष बाद ‘हिंडन एयर बेस’ में भारतीय वायुसेना को अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी की गई थी।