जम्मू-कश्मीर पुलिस की उपलब्धियों को साझा करते हुए पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन ने शनिवार को कहा कि आतंकी भर्तियों में 80 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है जबकि इस वर्ष 55 विदेशियों सहित 76 आतंकवादियों को मार गिराया गया।
आतंकवादी भर्ती में 80 प्रतिशत की गिरावट
श्री स्वैन ने शनिवार शाम यहां वार्षिक वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों के कारण आतंकवादी भर्ती में 80 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
डीजीपी ने कहा, ''2023 में आतंकवाद विरोधी अभियानों में विभिन्न संगठनों के 113 आतंकवादियों को मार गिराया गया है।'' उन्होंने कहा कि पूरे जम्मू-कश्मीर में 31 सक्रिय स्थानीय आतंकवादियों की पहचान की गई है, जिनमें जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले के चार आतंकवादी शामिल हैं।
पुलिस प्रमुख ने कहा कि दो अलगाववादी संगठनों शब्बीर शाह के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी और मसर्रत आलम के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग को इस साल यूएपी)ए के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया।
इस साल 55 विदेशियों सहित कुल 76 आतंकवादियों को मार गिराया गया
उन्होंने कहा कि इस साल 55 विदेशियों सहित कुल 76 आतंकवादियों को मार गिराया गया जबकि आतंकवादियों के 291 सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया और 201 ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) पर मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में 89 आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया और 18 आतंकवादी ठिकानों का पता लगाया गया, जबकि 170 करोड़ रुपये से अधिक की 99 संपत्तियां और 68 बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए।'' उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष हड़ताल के आह्वान (बंद) में भी काफी गिरावट (लगभग शून्य) आई है, जबकि संगठित हड़ताल के आह्वान भी शून्य हैं और इसका श्रेय जनता को जाता है, जिन्होंने इन आह्वानों का जवाब नहीं दिया तथा हमेशा शांति व विकास के लिए मतदान किया।
2023 में एक डीएसपी, इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल सहित चार पुलिस शहीद
श्री स्वैन ने कहा कि आतंकवाद से लड़ते हुए 2022 में 14 जम्मू-कश्मीर पुलिस शहीद हुए थे, लेकिन इसकी तुलना में 2023 में एक डीएसपी, इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल सहित चार पुलिस कर्मियों की मौत बहुत कम रही।
उन्होंने कहा,''हमारा युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है और यह केवल उन लोगों के खिलाफ नहीं है जो बंदूक उठाते हैं, बल्कि उन सभी के खिलाफ है जो आतंक संबंधी गतिविधियों का समर्थन करते हैं, चाहे वह आतंकी फंडिंग हो, भर्ती हो, लॉजिस्टिक समर्थन आदि हो।'' श्री स्वैन ने कहा कि गलत अभियानों में लिप्त 8000 से अधिक सोशल मीडिया खातों की पहचान की गई और जिन्हें देश के भीतर से संचालित किया जा रहा था, उन पर कार्रवाई शुरू की गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शीर्ष पुलिस अधिकारी के साथ अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।